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महात्मा गांधी को क्यों नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार? पांच बार हुए थे नॉमिनेट

Nobel Peace Prize: नोबेल शांति पुरस्कार के लिए महात्मा गांधी का नाम पांच बार दिया गया, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से उनका नाम ऊपर नहीं आया.

महात्मा गांधी को क्यों नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार? पांच बार हुए थे नॉमिनेट
महात्मा गांधी को क्यों नहीं दिया गया नोबेल पुरस्कार

Nobel Peace Prize: हर साल की तरह इस साल भी नोबेल पुरस्कारों का ऐलान किया जा रहा है. तमाम कैटेगरी में नोबेल पुरस्कारों के ऐलान के बाद अब बारी नोबेल शांति पुरस्कार की है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें नोबेल पीस प्राइज मिलना चाहिए. यही वजह है कि दुनिया के इस सबसे बड़े सम्मान की चर्चा और ज्यादा हो रही है. दुनियाभर में शांति और अहिंसा के प्रतीक के तौर पर पहचान रखने वाले महात्मा गांधी को भी इस पुरस्कार के लिए कई बार नॉमिनेट किया गया, लेकिन इसके बावजूद उन्हें नोबेल प्राइज नहीं दिया गया. आज हम आपको बताएंगे कि महात्मा गांधी को क्यों नोबेल नहीं दिया गया और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण क्या था. 

विवादों में रहा नोबेल पीस प्राइज

नोबेल पुरस्कार को दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है, लेकिन कई बार ये विवादों में भी रहा है. खासतौर पर नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर ऐसे कई सवाल खड़े हुए हैं. 1973 में अमेरिका के तत्कालीन विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था, जिसे लेकर खूब बवाल हुआ. इसकी वजह थी कि किसिंजर के साथ कई विवाद जुड़े थे. उन पर आरोप था कि उन्होंने साउथ अमेरिका में तानाशाही का समर्थन किया और कंबोडिया में बमबारी का फैसला भी उनका ही था. इसके अलावा बराक ओबामा को नोबेल पीस प्राइज दिए जाने को लेकर भी सभी लोग हैरान थे. 

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महात्मा गांधी को नहीं मिला नोबेल

महात्मा गांधी को शांति का नोबेल नहीं दिए जाने को भी एक बड़ी गलती माना जाता है. दुनिया को शांति और अहिंसा का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी को इस पुरस्कार के लिए पांच बार नॉमिनेट किया गया, लेकिन उन्हें ये सम्मान नहीं दिया गया. अल्बर्ट आइंस्टीन, नेल्सन मंडेला से लेकर मार्टिन लूथन किंग जैसे महान लोगों ने जिस व्यक्ति के विचारों को सराहा और फॉलो किया, उन्हें ये पुरस्कार नहीं दिया जाना एक बड़ी चूक थी. इसे लेकर नोबेल शांति पुरस्कार कमेटी के अध्यक्ष रहे इतिहासकार गेयर लुंडेस्टाड ने भी कहा था कि महात्मा गांधी को सम्मान नहीं देना नोबेल इतिहास की सबसे बड़ी भूल थी.

क्या थी नोबेल नहीं मिलने की वजह?

महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिए जाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह नोबेल कमेटी में शामिल कुछ लोगों की अलग सोच थी. उनका मानना था कि भले ही महात्मा गांधी के आंदोलन हिंसक नहीं थे, लेकिन कई बार इनका असर हिंसा और आतंक के रूप में सामने आया.  वहीं पैनल में शामिल कुछ लोगों का ये भी मानना था कि महात्मा गांधी ने सिर्फ भारतीय लोगों के लिए आवाज उठाई, जबकि इस दौरान अश्वेतों के खिलाफ भी काफी अत्याचार हो रहे थे. हर बार ऐसे ही तर्कों के साथ महात्मा गांधी का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया. 

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