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क्या है ESMA, जिससे डॉक्टरों की हड़ताल का तोड़ निकालना चाहती है हरियाणा सरकार

What is ESMA, Haryana Doctor Strike: हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते कई अस्पतालों में आवश्यक सेवाएं जैसे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन प्रभावित हुईं हैं.

क्या है ESMA, जिससे डॉक्टरों की हड़ताल का तोड़ निकालना चाहती है हरियाणा सरकार
'NO काम... तो NO वेतन' हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल पर सरकार ने लगाया ESMA.

What is ESMA, Haryana Doctor Strike: हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन तेज करते हुए संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना को लागू करने सहित अन्य मांगों के पूरा न होने पर अपनी हड़ताल अनिश्चितकाल तक बढ़ा दी. डॉक्टरों ने इससे पहले 8 से 9 दिसंबर तक दो दिवसीय हड़ताल शुरू की थी, जिसे अब उन्होंने अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया. वहीं हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के साथ गतिरोध के बीच मंगलवार शाम को आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (ESMA) लागू कर दिया है. ताकि सरकारी डॉक्टर वापस काम पर लौट आएं. आखिर ये एस्मा (ESMA) क्या है, जिसके जरिए सरकार इस हड़ताल को रोकने में लगी है.  

क्या है ESMA (What is ESMA)

आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) एक एक्ट है. इस एक्ट के जरिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने विरोध प्रदर्शन के कारण ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों के वेतन में कटौती का आदेश दिया. यानी जो डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं, उन्हें सैलरी नहीं दी जाएगी. अगर काम नहीं किया जाएगा तो सैलरी नहीं मिलेगी.

आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (ईएसएमए) एक एक्ट है, जिसे कुछ सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है. ये सेवाएं लोगों के सामान्य जीवन से जुड़ी हैं और इनके प्रभावित होने का सीधा असर आम जनता को पड़ता है. इसमें सार्वजनिक परिवहन (बस सेवाएं), स्वास्थ्य सेवाएं (डॉक्टर और अस्पताल) जैसी सेवाएं शामिल हैं. प्रत्येक राज्य का एक अलग राज्य आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम है, जिसके प्रावधानों में केंद्रीय कानून से थोड़ा बदलाव है.

क्यों कर रहे हैं हड़ताल

राज्य में सरकारी चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन' के आह्वान पर हड़ताल शुरू की गई है. हड़ताल के परिणामस्वरूप कई अस्पतालों में आवश्यक निदान सेवाएं, अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन सहित स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं. ‘हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन' के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि सरकार ने एक साल पहले उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था, जिनमें वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती पर रोक लगाना और संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना को लागू करना शामिल था. जो अभी तक लागू नहीं की गई हैं.

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