Codeine Uses: देशभर में इन दिनों कोडीन सिरप को लेकर बवाल मचा हुआ है. खासकर उत्तर प्रदेश में नकली कोडीन कफ सिरप की खूब चर्चा है. यह दवा अक्सर डॉक्टर खांसी-कफ के लिए देते हैं. लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ कफ सिरप में नहीं, बल्कि कुछ अन्य दवाओं में भी होता है. आइए जानते हैं कोडीन क्या होता है, कैसे काम करता है, किस लिए दिया जाता है और इसके क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं..
कोडीन क्या है और यह कैसे काम करता है
कोडीन एक ओपियोइड दवा है, जो सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ली जाती है. यह दिमाग और शरीर के बीच दर्द के संकेतों को रोकती है, जिससे दर्द कम महसूस होता है. खांसी को रोकने के लिए यह दिमाग के उस हिस्से को शांत करती है, जो खांसी के रिफ्लेक्स को ट्रिगर करता है. यह दवा दर्द, खांसी और कभी-कभी दस्त के लिए भी इस्तेमाल होती है. कोडीन सिर्फ लक्षणों को कम करती है, इसका मतलब यह नहीं कि यह बीमारी का इलाज करती है.
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कफ सिरप के अलावा किन दवाओं में कोडीन का इस्तेमाल
1. कोडीन मुख्य रूप से पेन किलर और खांसी रोकने के लिए इस्तेमाल होता है. सूखी खांसी में कोडीन-कंटेनिंग सिरप काम आता है.
2. हल्के से मध्यम दर्द में यह अक्सर एसिटामिनोफेन, आइबुप्रोफेन या एस्पिरिन के साथ मिलकर दी जाती है. कोडीन के साथ टाइलेनॉल, नूरोफेन प्लस और एस्पलगिन जैसी दवाओं में यह मौजूद होती है.
3. यह दस्त की दवाओं में भी यूज की जाती है. कुछ मामलों में कोडीन बाउल मूवमेंट्स को कम कर दस्त को कंट्रोल करती है.
कोडीन कैसे ली जाती है
कोडीन टेबलेट, सॉल्यूशन या सिरप के रूप में उपलब्ध है. दर्द में इसे आमतौर पर हर 4-6 घंटे में लिया जाता है, जबकि खांसी के लिए 4-6 घंटे में जरूरत अनुसार लिया जाता है. एक्सटेंडेड रिलीज टेबलेट हर 12 घंटे ली जाती हैं. हालांकि, ध्यान रखना चाहिए कि कोडीन का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर और सही खुराक में ही करना चाहिए.
कोडीन के साइड इफेक्ट्स
कोडीन के सामान्य साइड इफेक्ट्स में मतली, उल्टी, कब्ज, चक्कर, नींद या कमजोरी शामिल हैं. गंभीर साइड इफेक्ट्स में तेज दिल की धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, स्किन रैशेज या सूजन, दौरे और बहुत ज्यादा नींद हो सकती है. अगर आप प्रेगनेंट हैं या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं या फिर लिवर और किडनी की समस्या है, तो डॉक्टर को बताकर ही इस दवा को लें. खासतौर पर बच्चों के लिए ये बेहद खतरनाक है.
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