
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष ने पूरी तैयारी कर ली है, राहुल गांधी वोट चोरी के मुद्दे को बड़ा बनाकर सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वो वोटर अधिकार रैली भी निकाल रहे हैं. इसी दौरान राहुल गांधी ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि बीजेपी के लोगों सावधान हो जाइए, वोट चोरी के एटम बम के बाद अब हाइड्रोजन बम आ रहा है. अब राहुल गांधी के इस बयान से लोगों में हाइड्रोजन बम को लेकर भी दिलचस्पी बढ़ गई है, लोग जानना चाहते हैं कि एटम बम और हाइड्रोजन बम में क्या अंतर होता है और कौन ज्यादा खतरनाक है.
क्या है राहुल का हाइड्रोजन बम?
दरअसल जब राहुल गांधी ने एटम बम फोड़ने की बात कही थी, तब उन्होंने हजारों पन्नों के कुछ सबूत पेश किए थे. जिनमें दावा किया गया था कि कई राज्यों में एक ही नाम से कई लोग वोट डाल रहे हैं. वहीं इसमें वोट काटे जाने का मामला भी शामिल था. इसे राहुल गांधी ने वोट चोरी का नाम दिया था. अब उन्होंने हाइड्रोजन बम की बात कही है, यानी आने वाले दिनों में वोटर लिस्ट या चुनाव आयोग को लेकर वो कोई बड़ा खुलासा कर सकते हैं.
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हाइड्रोजन बम क्या होता है?
जैसा कि राहुल गांधी ने कहा कि एटम बम से खतरनाक हाइड्रोजन बम आने वाला है... यानी हाइड्रोजन बम किसी भी परमाणु बम से काफी ज्यादा खतरनाक होता है. अगर एटम बम किसी एक शहर को तबाह कर सकता है तो हाइड्रोजन बम पूरे देश को एक झटके में खत्म कर सकता है. ये परमाणु बम से हजार गुना ज्यादा ताकतवर हो सकता है. इसे थर्मोन
- 1961 में सोवियत संघ ने Tsar Bomba नाम के हाइड्रोजन बम की टेस्टिंग की थी. इसका विस्फोट काफी ज्यादा खतरनाक था.
- चीन, अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और उत्तर कोरिया ने अब तक हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है.
- हाइड्रोजन बम अपने आसपास 16-20 किमी चौड़ाई का आग का गोला बनाता है.
- हाइड्रोजन बम से 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हो सकती है, जो सूरज की रोशनी से भी ज्यादा है.
- हाइड्रोजन बम में न्यूक्लियर फ्यूजन (परमाणु संलयन) प्रिंसिपल का इस्तेमाल होता है. इसी प्रक्रिया से सूरज की ऊर्जा भी बनती है.
परमाणु बम और हाइड्रोजन बम में अंतर
- हाइड्रोजन बम जहां न्यूक्लियर फ्यूजन (परमाणु संलयन) के इस्तेमाल से बनाया जाता है, वहीं परमाणु बम न्यूक्लियर फिशन (परमाणु विखंडन) से बनता है.
- परमाणु बम हाइड्रोजन बम नहीं होता है, लेकिन हर हाइड्रोजन बम एक परमाणु बम होता है.
- परमाणु बम का इस्तेमाल जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में किया गया, जबकि हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल अब तक नहीं हुआ है.
- परमाणु बम को बनाने में यूरेनियम और थोरियम का इस्तेमाल होता है, जबकि हाइड्रोजन बम में ड्यूटेरियम और ट्राइटियम इस्तेमाल होते हैं.
दुनिया के लिए खतरा हैं दोनों बम
हाइड्रोजन और परमाणु बम दोनों ही दुनिया पर तबाही के खतरे के तौर पर मंडरा रहे हैं. भविष्य में अगर कभी इनका इस्तेमाल होता है तो ये पूरी इंसानियत को खत्म करने का काम कर सकते हैं. हालांकि ज्यादातर देशों ने इन्हें दुश्मन देशों को डराने के लिए रखा है और इनका इस्तेमाल लड़ाई में आखिरी विकल्प होता है.
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