इंसानों और जानवरों में कई तरह के अंतर होते हैं. जानवरों की तुलना में इंसान ज्यादा समझदार होते हैं और अपने इमोशंस को बेहतर तरीके से पेश कर सकते हैं. वहीं जानवर कई बार ऐसा नहीं कर पाते हैं, लोगों को ये पता नहीं लग पाता है कि उन्हें क्या परेशानी है या फिर वो किस बीमारी से जूझ रहे हैं. कुछ लोगों के मन में ये भी सवाल होता है कि क्या इंसानों की तरह जानवरों में भी पीरियड्स जैसी कोई चीज होती है? आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे और बताएंगे कि किन जानवरों में ऐसी चीजें देखने के लिए मिल सकती हैं और इस दौरान क्या होता है.
जानवरों में कैसे होते हैं पीरियड्स?
नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम नाम के एक यूट्यूब चैनल ने इस विषय पर एक डॉक्टर से लंबी बातचीत की, जिसमें डॉक्टर नैटिली कूपर ने बताया कि कुछ स्तनधारियों में इंसानों की तरह पीरियड्स का एक साइकिल होता है, इसे लेकर कई रिसर्च और स्टडी हुई हैं. इनमें चूहे, चमगादड़, बंदर, बबून, छछूंदर और चिम्पैंजी जैसे जानवर आते हैं. इन्हें प्राइमेट्स (Primates) कैटेगरी के जीव भी कहा जाता है.
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ये अलग-अलग जीवों में अलग हो सकता है. कुछ जीवों में ये 30 से 32 दिन तक हो सकता है, वहीं चिम्पैंजी में ये करीब 37 दिन का होता है. उन्होंने बताया कि जानवरों में भी पीरियड्स के दौरान कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, वो इस दौरान ज्यादा मूवमेंट नहीं करते हैं और थोड़ा अजीब व्यवहार करते हैं.
क्या होती है ब्लीडिंग?
डॉक्टर ने बताया कि ब्लीडिंग की जहां तक बात है तो इंसानों की तरह जानवरों को ऐसी ब्लीडिंग नहीं होती है, जिसे देखा जा सके. ये जानवरों के साइज और प्रजाति पर भी निर्भर करता है. इसीलिए जंगल में एनिमल पीरियड्स की पहचान करना लगभग नामुमकिन है. जानवरों पर की गई स्टडीज के मुताबिक जानवरों में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इस दौरान वो जरूर कुछ क्रैंप्स महसूस करते हैं.
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