
Air Quality Index: दिल्ली-एनसीआर में इस बार पटाखे जलाने की छूट दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटाते हुए ग्रीन पटाखे जलाने का आदेश दिया, साथ ही इसे लेकर तमाम तरह की शर्तें भी रखी गईं. हालांकि लोगों ने तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर पटाखे चलाए और दिवाली की अगली सुबह दिल्ली के लोगों का दम घुटना शुरू हो गया. हालात ये हैं कि दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन का लेवल बेहद खतरनाक स्तर पर है, यानी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं. ऐसे में एक सवाल ये भी आता है कि आखिर अमेरिका, चीन और कनाडा जैसे देशों में भारत के मुकाबले कितना AQI है?
भारत में जहरीली हुई हवा
भारत के तमाम बड़े शहरों में हवा में जहर घुल गया है. यहां तक कि मुंबई जैसे शहर में भी AQI करीब 200 तक पहुंच गया, जिसे गंभीर श्रेणी का माना जाता है. राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिवाली की शाम हुई जमकर आतिशबाजी के चलते यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से लेकर 700 तक पहुंच गया. इस हवा में सांस लेने का मतलब है कि लोग एक दिन में 10 से ज्यादा सिगरेट जितना खतरनाक धुआं अपने शरीर में ले रहे हैं.
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अमेरिका में कैसी है हवा की क्वालिटी?
अमेरिका जैसे देश में भारत के मुकाबले एयर क्वालिटी इंडेक्स लगभग 10 गुना से भी ज्यादा कम है. अमेरिका में एक्यूआई लेवल 28 है, यानी यहां के लोग काफी साफ हवा में सांस ले रहे हैं. शून्य से लेकर 50 तक का AQI अच्छा माना जाता है.
कनाडा में कितना है AQI?
अमेरिका की तरह कनाडा में रहने वाले लोग भी साफ हवा में सांस ले रहे हैं. भारत के मुकाबले यहां का एक्यूआई लेवल काफी ज्यादा कम है. यहां फिलहाल AQI का लेवल 27 है, यानी हवा में किसी भी तरह का पॉल्यूशन नहीं है.
चीन में कितना है AQI?
भारत की तरह चीन भी एक दौर में पॉल्यूशन से जूझ रहा था, लेकिन आज यहां प्रदूषण का स्तर काफी कम है. चीन में तमाम बड़े शहरों में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है. इसके अलावा कई तरह के सख्त नियम भी बनाए गए हैं. आज जब भारत में एक्यूआई 400 के पार है, तब चीन में इसका लेवल सिर्फ 73 है. इस एक्यूआई को खराब की श्रेणी में भी नहीं रखा जाता है.
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