झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Government) के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया, जिसके बाद पहली कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) हुई. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी मंत्रियों को उनके विभागों की 2 महीने में समीक्षा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि आगामी समय में सूबे को बेहतर दिशा देने के लिए 15-16 प्वाइंट बनाए गए हैं, जो आगे की रूपरेखा तय करेंगे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन प्वाइंट के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि रांची ही नहीं अन्य जिला कार्यालयों तक में बैठक होगी और मंत्री इसकी समीक्षा करेंगे. सीएम सोरेन ने कहा कि दो महीने में सभी विभागों की समीक्षा मंत्री करेंगे और पदाधिकारियों की कार्यकुशलता का भी ध्यान रखेंगे. साथ ही कहा कि सभी चीजों से मुझे भी अवगत कराएं.
रेवेन्यू की दिशा में काम करने की जरूरत : किशोर
कांग्रेस कोटे से मंत्री बने राधाकृष्ण किशोर को वित्त के साथ ही वाणिज्य-कर विभाग, योजना, विकास और संसदीय कार्य विभाग दिया गया है. उन्होंने कहा कि रेवेन्यू की चुनौती है. इस दिशा में काम करने की जरूरत है.
मईया योजना को लेकर उन्होंने बताया कि अभी करीब सात हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. लक्ष्य बढ़ाएंगे तो खर्च और ज्यादा होगा. केंद्र सरकार के पास हमारा काफी पैसा है, जिसे लेकर उन्हें पत्र लिखा गया है. केंद्र सरकार पैसा दे देती है तो सरकार को जनता के हित में काम करने में आसानी होगा.
स्वस्थ और मजबूत व्यवस्था की जताई जरूरत
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोटे से मंत्री बने चमरा लिंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से दिशा-निर्देश मिले हैं. मंत्रियों को स्वस्थ और मजबूत व्यवस्था बनाने के लिए मेहनत करनी है और दो महीने में रिपोर्ट देनी है.
अब देखना ये होगा कि राज्य में विकास कार्य को गति देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा दिए गए निर्देश कितना कारगर साबित होते हैं.
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