हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सलाहुद्दीन ने एक इंटरव्यू में स्वीकारा है कि कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान फंडिंग करता है.
- घाटी में हिंसा फैलाने के लिए अलगावादी नेताओं को पैसा भेज रहा पाक
- एनआईए की जांच से पता चला कि हर तीन महीने में पैसा आता था
- गिलानी, मीरवाइज, शब्बीर शाह और यासीन मलिक को मिलता था पैसा
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नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाव के एजेंट सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है लेकिन इसके बावजूद वह बेखौफ दावा कर रहा है कि वह भारत में पहले ही तरह हमले करवाता रहेगा. इस पर गृह मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अशोक प्रसाद ने कहा कि यह तो भारत पहले से ही कहता आ रहा था कि हिज्बुल मुजाहिदीन को कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग होती है. आज सलाहुद्दीन ने खुद इसकी पुष्टि कर दी है. प्रसाद ने कहा कि उसको अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करना सही है. हिज्बुल चीफ सलाहुद्दीन ने पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कबूल किया है कि हिज्बुल मुजाहिदीन को कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग होती है.
वैसे कश्मीर के अलगाववाद को पाकिस्तान से मिल रही आर्थिक मदद पर भारत ने धीरे-धीरे शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. एनआइए ने लगातार तीन दिन नईम खान, जहूर वटाली और शाही उल इस्लाम से पूछताछ की. जांच में सामने आया कि पाकिस्तान घाटी में हिंसा फैलाने के लिए लगातार अलगावादी नेताओं को पैसा भेज रहा है.
एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए की जांच से पता चला है कि हर तीन महीने में यह पैसा आता था. कथित तौर पर यह पैसा एसएएस गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह और यासीन मलिक जैसे नेताओं तक पहुंचता था. इसके लिए हवाला के अलावा सीमाओं के आरपार होने वाला व्यापार भी जरिया था. इसके लिए कुछ छात्रों की भी मदद ली जाती थी.
जाहिर है सलाहुद्दीन जैसे गुर्गे ऐसे लेनदेन में पाकिस्तान के सबसे अधिक काम आते रहे हैं. सलाहुद्दीन गिरफ्त में आएगा तो ऐसी और भी कड़ियां खुलेंगी, जिसका पाकिस्तान को डर है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अशोक प्रसाद ने कहा कि यह तो भारत पहले से ही कहता आ रहा था कि हिज्बुल मुजाहिदीन को कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग होती है. आज सलाहुद्दीन ने खुद इसकी पुष्टि कर दी है. प्रसाद ने कहा कि उसको अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करना सही है. हिज्बुल चीफ सलाहुद्दीन ने पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कबूल किया है कि हिज्बुल मुजाहिदीन को कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग होती है.
वैसे कश्मीर के अलगाववाद को पाकिस्तान से मिल रही आर्थिक मदद पर भारत ने धीरे-धीरे शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. एनआइए ने लगातार तीन दिन नईम खान, जहूर वटाली और शाही उल इस्लाम से पूछताछ की. जांच में सामने आया कि पाकिस्तान घाटी में हिंसा फैलाने के लिए लगातार अलगावादी नेताओं को पैसा भेज रहा है.
एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए की जांच से पता चला है कि हर तीन महीने में यह पैसा आता था. कथित तौर पर यह पैसा एसएएस गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह और यासीन मलिक जैसे नेताओं तक पहुंचता था. इसके लिए हवाला के अलावा सीमाओं के आरपार होने वाला व्यापार भी जरिया था. इसके लिए कुछ छात्रों की भी मदद ली जाती थी.
जाहिर है सलाहुद्दीन जैसे गुर्गे ऐसे लेनदेन में पाकिस्तान के सबसे अधिक काम आते रहे हैं. सलाहुद्दीन गिरफ्त में आएगा तो ऐसी और भी कड़ियां खुलेंगी, जिसका पाकिस्तान को डर है.
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