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15×15 का बंकर, 25 लोगों की जगह... पाक की नापाक गोलीबारी से कैसे बचते हैं LOC के लोग, देखें वीडियो

रिडी गांव में हर दूसरे घर में शेलिंग से बचने के लिए बंकर बनाए गए हैं. एनडीटीवी की टीम ने गांव का दौरा किया और एक घर में बने बंकर का जायजा लिया. इस घर में 15×15 फीट का एक मजबूत बंकर है, जिसे कंक्रीट और लोहे की शीट से बनाया गया है.

LOC के पास स्थित रिडी गांव में ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बंकर में NDTV.

श्रीनगर:

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव का माहौल है. सीमा पार से गोलीबारी की घटनाएं हो रही है. इस बीच लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के पास स्थित गांव के लोगों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. कुपवाड़ा के रिडी गांव में लोगों ने शेलिंग से बचने के लिए घरों में मौजूद बंकरों की साफ-सफाई शुरू कर दी है. इन बंकरों में घुटनों ने बल से ही जाया जा सकता है. बंकर मालिक अख्तर ने बताया कि तनाव का माहौल है. ऐसे में बंकर की सफाई का काम शुरू कर दिया है.  

LOC से NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट लगातार

पहलगाम हमले के बाद ग्राउंड जीरो पर पहुंची NDTV की टीम लगातार आपको वहां की स्थितियों से वाकिफ करवा रही है. इसी कड़ी में हमारे रिपोर्टर LOC से करीब 20 किलोमीटर दूर कुपवाड़ा गांव में पहुंचे. जहां लोगों ने घरों में बने बंकरों की सफाई शुरू कर दी है. 

शेलिंग से बचने के लिए ग्रामीणों ने बनाए हैं बंकर

ये बंकर स्थानीय लोग युद्ध या फिर सीमापार से होने वाली फायरिंग जैसे आपातकाल में खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए बनाते हैं. ग्राउंड जीरो पर पहुंची एनडीटीवी टीम ने देखा कि तराई क्षेत्र में बसे रिडी गांव में हर दूसरे घर में शेलिंग से बचने के लिए बंकर बनाए गए हैं. जिसे वो अब साफ कर रहे हैं. 

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15×15 फीट का मजबूत बंकर, आसानी से रह सकते है 25 लोग

इस घर में 15×15 फीट का एक मजबूत बंकर है, जिसे कंक्रीट और लोहे की शीट से बनाया गया है. बंकर के मालिक अख्तर ने बताया कि इसे 2019 में 6 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया था. अब इसे साफ करके फिर से इस्तेमाल के लिए तैयार कर लिया गया है. इस बंकर में करीब 25 लोग आसानी से रह सकते हैं.

2019 के सीज फायर में मारे गए थे 3 ग्रामीण

रिडी के रहने वाले अख्तर ने बनाया 2019 में हुई सीज फायर की घटना में हमारे गांव में 3 लोग मारे गए थे. ऐसे में हमारे गांव के कई लोगों ने अपने घरों में बंकर बना रखा था. अख्तर ने बताया ने 2019 के बाद कभी बंकर में जाने की नौबत नहीं आई. क्योंकि सीजफायर के बाद सुकून का माहौल था. लेकिन अब पहलगाम हमले के बाद फिर तनाव गहराने पर हमने बंकरों की सफाई शुरू कर दी है.

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हवा आने के लिए रोशनदान, पानी निकलने के नाली

अख्तर ने आगे बताया कि उनका परिवार बड़ा है. उनके परिवार में 25 लोग है. जिसमें कई बुजुर्ग भी है. ऐसे में बमबारी  के दौरान सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना संभव नहीं है. इस कारण उन्होंने 2019 में 6 लाख की लागत से अपने घर में यह बंकर बनाया था. इन बंकरों से हवा आने के लिए रोशनदान और पानी निकलने के लिए नाली की व्यवस्था भी की गई है.

पहलगाम हमले से तनाव

आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं. इस कायराना आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. मृतकों में एक नेपाली नागरिक भी शामिल है. इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली, जो प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है.

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