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"किसी देश ने नहीं कहा कि पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार..." मणिशंकर अय्यर ने दिया विवादित बयान

अपने बयान में मणिशंकर ने कहा, "इजरायल को छोड़कर कोई भी ऐसा देश नहीं है जो कहे कि पहलगाम आतंकी घटना के पीछे पाकिस्तान है. पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन के अंदर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग हुई."

"किसी देश ने नहीं कहा कि पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार..." मणिशंकर अय्यर ने दिया विवादित बयान
(फाइल फोटो)
  • कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की जिम्मेदारी पर संदेह जताया है
  • यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में हमले का खंडन हुआ लेकिन हमले के पीछे के दोषी का खुलासा नहीं हुआ
  • अय्यर ने भारत की विदेश नीति को स्वतंत्र और संतुलित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है
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नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर दिए गए अपने विवादित बयान के कारण सुर्खियों में बने हुए हैं. उन्होंने अपने बयान में कहा, "इजरायल को छोड़कर कोई भी ऐसा देश नहीं है जो कहे कि पहलगाम आतंकी घटना के पीछे पाकिस्तान है. पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन के अंदर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग हुई, जिसमें चीन एक स्थायी सदस्य है और पाकिस्तान अस्थायी सदस्य. मीटिंग में पहलगाम आतंकी हमले का खंडन किया गया, लेकिन यह नहीं बताया कि इसके पीछे कौन है. हमले के पीछे पाकिस्तान जिम्मेदार है, हम इसका सबूत नहीं पेश कर पा रहे हैं."

वहीं, अमेरिका के भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर भी कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भारत की विदेश नीति के बारे में बताया. कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा, "हमें दुनिया को यह दिखाना है कि हम स्वतंत्र हैं और किसी की दोस्ती के पीछे भाग नहीं रहे हैं. यह हम दोनों देशों (अमेरिका और भारत) के हित में है. हमारी नीति यह नहीं है कि हम चीन से एक प्रकार का संबंध रखें और अमेरिका से बिल्कुल विपरीत. यह कूटनीति नहीं होती."

उन्होंने कहा कि 'हाउडी मोदी' और 'नमस्ते ट्रंप' जैसे बड़े आयोजनों के बावजूद आज के हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान की प्रशंसा की जा रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं बल्कि उसके फील्ड मार्शल की प्रशंसा हो रही है, जिसने खुद को फील्ड मार्शल घोषित कर दिया है. अमेरिका भारत से गले मिल रहा है, लेकिन पाकिस्तान से हैंडशेक कर रहा है. ऐसे में गले मिलने से हमें क्या फायदा?

उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा है कि 2014 के बाद हमने कूटनीतिक दिशा में कुछ गलतियां कीं. हमने कोशिश की कि पाकिस्तान को एक चेहरा दिखाएं, चीन को दूसरा, रूस के लिए अलग नीति अपनाएं और यूरोप के लिए अलग. वहीं, अमेरिका को कोई दूसरा चेहरा दिखाएं, लेकिन इस तरह की बिखरी रणनीति से कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता."

उन्होंने कहा, "हालांकि गाजा में जो हो रहा है, उस नरसंहार के बावजूद हमने अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगी इजरायल का खुलकर समर्थन किया. उनके खिलाफ कुछ कहना या वोट करने के लिए हम तैयार नहीं हैं, लेकिन इसका परिणाम क्या रहा, हमें क्या मिला?"

कांग्रेस नेता ने कहा, "आज ट्रंप कह रहे हैं कि दुनिया की सबसे अधिक टैरिफ भारत में हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच मैंने ही अमन लाया. इसको पाकिस्तान मान रहा है, जबकि भारत नहीं मान रहा. भारत का रुख है कि हमने ही खुद किया. ऐसे में सारा दंड हम खुद महसूस कर रहे हैं और सारा फायदा पाकिस्तान महसूस कर रहा है."

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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