जयपुर:
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार पर भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए तंज कसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'वसुंधरा मॉडल' का निरीक्षण करना चाहिए और कालाधन वापस लाने के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
वसुंधरा राजे सरकार की दूसरी वषर्गांठ पर हमला करते हुए गहलोत ने कहा कि राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इसलिए उन्हें नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है, उन्हें त्यागपत्र देकर जांच का सामना करना चाहिए।
संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा, 'किस तरह से वसुंधरा राजे के बेटे की कम्पनी में मॉरीशस के रास्ते से कालाधन आया और अब उसी तरह केन्द्र सरकार को भी कालाधन वापस लाने के लिए वसुंधरा राजे मॉडल का प्रयोग करना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन वापस लाने के जो वायदे किए थे, उसमें वे असफल हो गए हैं।' गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में घोटालों के बावजूद चुप्पी बनाए हुए है, उनके लिए 'राजे मॉडल' सही साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक व्याप्त है और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरूद्ध गंभीर आरोप हैं, उन्हें आगे आकर अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच का सामना करना चाहिए और सीबीआई की जांच के आदेश देने चाहिए। उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि उनका अपने विभाग और अधिकारियों पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं है, इसलिए उन्हें भी त्यागपत्र दे देना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि शहरों में घटित होने वाले अपराधों के मामलों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु और कोलकाता के बाद जयपुर पांचवे स्थान पर है। प्रदेश में आम जनता बुरी तरह प्रभावित हो रही है, मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म, खुंखार अपराधी पुलिस की गिरफ्त से फरार हो रहे हैं, लेकिन गृहमंत्री अपराधों पर नियंत्रण की बजाय अधिकारियों की सराहना कर उन्हें प्रोत्साहन देने का कार्य कर रहे है।
उन्होंने कहा, प्रदेश में दुष्कर्म, डकैती की घटनाएं बढ़ रही है। गहलोत ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग करने वाले पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा के निधन के लिए वसुंधरा राजे को जिम्मेदार बताया है। छाबड़ा का पूर्ण शराबबंदी के धरने के दौरान गत तीन नवम्बर को निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि उनके निधन के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। राजे ने उनसे बातचीत नहीं की और अनशन तुड़वाने के लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की।
गहलोत ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा जनसभा के दौरान प्रदेश में पिछले दो साल में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार और घोटला न होने के बयान पर कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राजे शाह को गुमराह कर रही है और घोटालों को छुपा कर उन्हें साफ तस्वीर पेश कर रही है।
वसुंधरा राजे सरकार की दूसरी वषर्गांठ पर हमला करते हुए गहलोत ने कहा कि राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इसलिए उन्हें नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है, उन्हें त्यागपत्र देकर जांच का सामना करना चाहिए।
संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा, 'किस तरह से वसुंधरा राजे के बेटे की कम्पनी में मॉरीशस के रास्ते से कालाधन आया और अब उसी तरह केन्द्र सरकार को भी कालाधन वापस लाने के लिए वसुंधरा राजे मॉडल का प्रयोग करना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन वापस लाने के जो वायदे किए थे, उसमें वे असफल हो गए हैं।' गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में घोटालों के बावजूद चुप्पी बनाए हुए है, उनके लिए 'राजे मॉडल' सही साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक व्याप्त है और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरूद्ध गंभीर आरोप हैं, उन्हें आगे आकर अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच का सामना करना चाहिए और सीबीआई की जांच के आदेश देने चाहिए। उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि उनका अपने विभाग और अधिकारियों पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं है, इसलिए उन्हें भी त्यागपत्र दे देना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि शहरों में घटित होने वाले अपराधों के मामलों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु और कोलकाता के बाद जयपुर पांचवे स्थान पर है। प्रदेश में आम जनता बुरी तरह प्रभावित हो रही है, मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म, खुंखार अपराधी पुलिस की गिरफ्त से फरार हो रहे हैं, लेकिन गृहमंत्री अपराधों पर नियंत्रण की बजाय अधिकारियों की सराहना कर उन्हें प्रोत्साहन देने का कार्य कर रहे है।
उन्होंने कहा, प्रदेश में दुष्कर्म, डकैती की घटनाएं बढ़ रही है। गहलोत ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग करने वाले पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा के निधन के लिए वसुंधरा राजे को जिम्मेदार बताया है। छाबड़ा का पूर्ण शराबबंदी के धरने के दौरान गत तीन नवम्बर को निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि उनके निधन के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। राजे ने उनसे बातचीत नहीं की और अनशन तुड़वाने के लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की।
गहलोत ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा जनसभा के दौरान प्रदेश में पिछले दो साल में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार और घोटला न होने के बयान पर कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राजे शाह को गुमराह कर रही है और घोटालों को छुपा कर उन्हें साफ तस्वीर पेश कर रही है।
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