राजेश अग्रवाल।
- जन्मस्थली में उल्लास का माहौल
- इंदौर से प्रबंधन की डिग्री हासिल की थी
- लंदन में विदेशी मुद्रा विनिमय व अंतरण के कारोबारी
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इंदौर:
उद्यमी राजेश अग्रवाल के लंदन के उप महापौर पद पर पहुंचने के बाद मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित उनकी जन्मस्थली में उनके नजदीकी संबंधी फूले नहीं समा रहे हैं और जश्न में डूब गए हैं।
सन 2001 में गए थे लंदन
अग्रवाल के बड़े भाई योगेश ने आज ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘जब से राजेश के लंदन के उप महापौर बनने की खबर सामने आई है, हमारे घर में रिश्तेदारों का तांता लग गया है। यह हमारे लिए गर्व और हर्षोल्लास के कीमती पल हैं।’ उन्होंने बताया कि राजेश ने इंदौर के एक नामी स्कूल में पढ़ाई की। फिर शहर के एक निजी महाविद्यालय से प्रबंधन की डिग्री हासिल की। भारत में साल भर नौकरी करने के बाद राजेश वर्ष 2001 में लंदन चले गए और विदेशी मुद्रा विनिमय व अंतरण के क्षेत्र में अपने कारोबार को स्थापित किया।
मां निजी स्कूल में थीं शिक्षिका
योगेश, इंदौर में निजी क्षेत्र के एक बैंक में मैनेजर के पद पर काम करते हैं। रिश्तेदारों से घिरे इस 44 वर्षीय शख्स ने भावुक लहजे में कहा, ‘मेरी मां कृष्णकांता अग्रवाल शहर के एक निजी स्कूल में शिक्षिका थीं। राजेश के लंदन के उप महापौर पद पर पहुंचने में मां की उम्दा परवरिश का अहम योगदान है जिससे उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।’
महापौर सादिक खान ने की घोषणा
लंदन के पाकिस्तानी मूल के महापौर सादिक खान ने 39 वर्षीय राजेश को उप महापौर बनाने की घोषणा की है। खान जब इंग्लैंड की राजधानी में महापौर पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव प्रचार में जुटे थे, तब राजेश उनके कारोबारी सलाहकार थे। खान ने लंदन के पहले मुस्लिम महापौर के रूप में पिछले महीने ही पदभार संभाला था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सन 2001 में गए थे लंदन
अग्रवाल के बड़े भाई योगेश ने आज ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘जब से राजेश के लंदन के उप महापौर बनने की खबर सामने आई है, हमारे घर में रिश्तेदारों का तांता लग गया है। यह हमारे लिए गर्व और हर्षोल्लास के कीमती पल हैं।’ उन्होंने बताया कि राजेश ने इंदौर के एक नामी स्कूल में पढ़ाई की। फिर शहर के एक निजी महाविद्यालय से प्रबंधन की डिग्री हासिल की। भारत में साल भर नौकरी करने के बाद राजेश वर्ष 2001 में लंदन चले गए और विदेशी मुद्रा विनिमय व अंतरण के क्षेत्र में अपने कारोबार को स्थापित किया।
मां निजी स्कूल में थीं शिक्षिका
योगेश, इंदौर में निजी क्षेत्र के एक बैंक में मैनेजर के पद पर काम करते हैं। रिश्तेदारों से घिरे इस 44 वर्षीय शख्स ने भावुक लहजे में कहा, ‘मेरी मां कृष्णकांता अग्रवाल शहर के एक निजी स्कूल में शिक्षिका थीं। राजेश के लंदन के उप महापौर पद पर पहुंचने में मां की उम्दा परवरिश का अहम योगदान है जिससे उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।’
महापौर सादिक खान ने की घोषणा
लंदन के पाकिस्तानी मूल के महापौर सादिक खान ने 39 वर्षीय राजेश को उप महापौर बनाने की घोषणा की है। खान जब इंग्लैंड की राजधानी में महापौर पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव प्रचार में जुटे थे, तब राजेश उनके कारोबारी सलाहकार थे। खान ने लंदन के पहले मुस्लिम महापौर के रूप में पिछले महीने ही पदभार संभाला था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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