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This Article is From Feb 10, 2016

इंदौर : ग्रीन कॉरिडोर के जरिए 7 मीनट में पहुंचे किडनी और 7.5 मिनट में लीवर

इंदौर : ग्रीन कॉरिडोर के जरिए 7 मीनट में पहुंचे किडनी और 7.5 मिनट में लीवर
प्रतीकात्मक तस्वीर
इंदौर: दिमागी रूप से मृत 42 वर्षीय व्यक्ति के अंगदान से मिले लीवर और किडनी को मंगलवार को यहां दो ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गंतव्य तक पहुंचाया गया। ये अंग दो मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित होकर उन्हें नई जिंदगी देंगे। इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) संजय दुबे ने बताया कि शहर के एक निजी अस्पताल से हवाई अड्डे और एक अन्य अस्पताल के बीच दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए।

पहले ग्रीन कॉरिडोर की लम्बाई 13 किलोमीटर थी, जिसके जरिए अंगदान से मिले लीवर को 7.5 मिनट में हवाई अड्डे भेजा गया। इस लीवर को हवाई रास्ते से दिल्ली के एक अस्पताल पहुंचाया गया। दुबे ने बताया कि करीब 10 किलोमीटर लम्बे दूसरे ग्रीन कॉरिडोर के जरिए एक किडनी को सात मिनट के भीतर शहर के अन्य निजी अस्पताल पहुंचाया गया।

उन्होंने बताया कि दिल की बीमारी से जूझ रहे विश्वास दोशी (42) का शहर के एक निजी अस्पताल में पिछले कुछ दिन से इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उनकी हालत की सतत निगरानी के बाद उन्हें आठ फरवरी की शाम दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया। दुबे ने बताया कि दोशी के परिजनों से चर्चा कर उन्हें इस बात के लिए राजी किया गया कि वे जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन देने के लिए उनके अंग दान कर दें।

उन्होंने बताया कि दोशी के परिजनों ने उनकी दूसरी किडनी, दोनों आंखें और त्वचा भी दान करने का फैसला किया है। इन अंगों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित किया जाएगा। संभाग आयुक्त ने बताया कि इंदौर में पिछले चार महीनों के दौरान पांच बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगदान से मिले अंगों को गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है।

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