
सुषमा स्वराज और जॉन केरी का फाइल फोटो
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सुषमा भारतीय हितों की जबर्दस्त पैरोकार हैं
वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की इच्छुक हैं
केरी चौथी बार भारत आए हैं
दूसरी भारत-अमेरिका रणनीतिक डॉयलाग के सिलसिले में यहां आए केरी ने सुषमा स्वराज के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं. इस दौरान केरी ने उनको एक से अधिक बार सुषमा कहकर संबोधित किया और उनके ''गंभीर विमर्श और साझेदारी के लिए'' आभार प्रकट किया.
इस दौरान जॉन केरी ने कहा, ''दो साल साथ काम करने के बाद मैं यह कहना चाहूंगा कि आप भारत और यहां के नागरिकों के हितों के मसले की हमेशा अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप जबर्दस्त पैरोकार रही हैं. इसके साथ ही द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के महत्व पर हमेशा कायम रही हैं और इसको लेकर आपमें कोई हिचकिचाहट नहीं रही है.''
अपनी चौथी भारत यात्रा पर आए जॉन केरी (72) ने कहा कि वह जब 1990 के दशक में भारत आए थे, उसकी तुलना में अब दोनों देशों के बीच संबंध एकदम अलग हैं. उन्होंने कहा ''उस दौर में हम लोग शीत युद्ध के दौर से उबरने और संबंध विकसित करने की दिशा में कोशिश कर रहे थे. लेकिन इन दो वर्षों में मैं यह कह सकता हूं कि अब वह भावना नहीं रही.'' अब हमारे संबंध मजबूत और गर्मजोशी से भरे हैं.
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