भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक, पहलवानों के धरने के बीच आया फैसला

रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा, ‘‘हम जंतर-मंतर से नहीं हटेंगे. यह लड़ाई नहीं रुकेगी.’’ उन्होंने कहा,‘‘ लड़कियां (महिला पहलवान) समिति के सामने पेश हुई हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई है. महासंघ पहले की तरह चल रहा है, वह अपने राष्ट्रीय टूर्नामेंटों का आयोजन कर रहा है तो क्या बदल गया है?’’

भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक, पहलवानों के धरने के बीच आया फैसला

सूत्रों के मुताबिक समिति अगले 45 दिनों में कुश्ती संघ का चुनाव कराएगी.

नई दिल्ली:

जंतर-मंतर पर जारी पहलवानों के प्रदर्शन (Wrestlers Protest) के बीच भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के चुनाव पर लगी रोक लगा दी गई है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय ओलंपिक संघ एक तदर्थ समिति बनाएगा और यही समिति अगले 45 दिनों में कुश्ती संघ का चुनाव (Wrestling Federation Election) पूरा कराएगी. समिति तब तक कुश्ती संघ का रोज़ का कामकाज भी देखेगी. जनवरी में बनाई गई ओवरसाइट कमेटी (Oversight Committee) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

इस मामले में ओवरसाइट कमेटी ने तीन बातें पाईं. यौन उत्पीडन की शिकायतों पर समाधान के लिए उचित फ़ोरम और प्रक्रिया नहीं है. कुश्ती संघ और खिलाड़ियों समेत सभी हितधारकों के बीच पारदर्शिता हो. साथ ही संघ और खिलाड़ियों के बीच बेहतर संवाद हो. इसी के साथ ओवरसाइट कमेटी का काम समाप्त हो गया. ऐसे में सात मई को संघ का चुनाव होना था उसे रद्द हो गया. अब नए सिरे से चुनाव कराया जाएगा. IOA एक तदर्थ समिति बनाए और पैंतालीस दिनों के भीतर चुनाव कराए. तब तक संघ का काम भी तदर्थ समिति ही देखेगी.

जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 7 महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की. याचिका में कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष बृजभूषण शरणसिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई. साथ ही याचिका में कहा गया कि 21 अप्रैल को दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में शिकायत देने के बावजूद FIR दर्ज नहीं हुई. जानकारी के मुताबिक ये याचिका कल देर महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की. 

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