इंडियन रेसलिंग फेडरेशन (WFI) में बीते दिनों हुए चुनाव और यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर एक के बाद एक पहलवान विरोध जता रहे हैं. ऐसे में खेल युवा मंत्रालय ने 24 दिसंबर को बड़ा फैसला लेते हुए नई रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को सस्पेंड कर दिया है. केंद्र सरकार ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को कुश्ती संघ चलाने के लिए पैनल बनाने का निर्देश दिया है.
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) पिछले 11 महीनों से विवादों में घिरी है. इस साल जनवरी में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत कई महिला पहलवानों ने तत्कालीन WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. जिसके बाद बजरंग पूनिया समेत कई पुरुष पहलवानों ने भी विरोध-प्रदर्शन में इनका समर्थन किया था. खेल मंत्रालय ने जांच की बात कही थी.
21 दिसंबर को हुए थे WFI के चुनाव
इस बीच 3 दिन पहले 21 दिसंबर को ही WFI के चुनाव हुए थे. इसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए चीफ बने थे. पहलवान इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. अब रविवार को खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को सस्पेंड कर दिया.
बृजभूषण शरण सिंह का संन्यास
अब बृजभूषण शरण सिंह ने फेडरेशन को सस्पेंड किए जाने पर ऐतराज जताते हुए अपने संन्यास की घोषणा की. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "मैं कुश्ती संघ से संन्यास ले चुका हूं. अब सरकार के फैसले पर जो भी बात करनी होगी, वो नई फेडरेशन करेगी. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मैं सांसद हूं और अपने काम पर फोकस करूंगा."
जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट को लेकर क्यों है आपत्ति?
संजय सिंह के नए अध्यक्ष बनने के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी. गोंडा बीजेपी सांसद और पूर्व WFI चीफ बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है. रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. खेल मंत्रालय के WFI की नई टीम पर कार्रवाई के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है.
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