महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGS) में महिलाओं की भागीदारी पिछले सात वित्तवर्ष से लगातार बढ़ रही है, और सिवाय कोविड वर्ष के इसमें कभी गिरावट नहीं आई है. इस साल तो यह अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है, जो वित्तवर्ष समाप्त होते-होते नया रिकॉर्ड कायम कर सकती है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा वित्तवर्ष में, तीसरी तिमाही के अंत के करीब तक, NREGA में महिला कार्यदिवसों की संख्या कुल कार्यदिवसों का 59.24 फ़ीसदी हो चुकी है, और इसके वित्तवर्ष के अंत तक भी रिकॉर्ड स्तर पर बने रहने का अनुमान है. पिछले वित्तवर्ष, यानी 2022-23 की तुलना में कुल MGNREGA कार्यदिवसों में महिला कार्यदिवसों की भागीदारी 3.08 फ़ीसदी बढ़ी है, क्योंकि पिछले वित्तवर्ष में महिलाओं की भागीदारी 57.47 फ़ीसदी थी.
वित्तवर्ष 2017-18 के बाद से MGNREGA में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, और इसमें सिर्फ़ एक अपवाद था 2020-21, जब कोविड महामारी के चलते भागीदारी में मामूली गिरावट आई थी. वित्तवर्ष 2017-18 के दौरान MGNREGA कार्यदिवसों में महिला कार्यदिवसों की भागीदारी 53.53 फ़ीसदी रहा था, जो वित्तवर्ष 2018-19 में 1.98 फ़ीसदी बढ़कर 54.59 फ़ीसदी हो गया था.
इसी प्रकार, वित्तवर्ष 2019-20 में महिलाओं की भागीदारी के इस आंकड़े में 2018-19 के मुकाबले 0.35 फ़ीसदी की वृद्धि हुई और यह 54.78 फ़ीसदी हो गया. लेकिन इसके बाद वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान कोविड के प्रकोप के चलते इसमें 2.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई, और महिलाओं की भागीदारी का आंकड़ा 53.19 फ़ीसदी रह गया.
इसके अगले साल, यानी वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान इसमें शानदार सुधार देखा गया, और 4.83 फ़ीसदी की अभूतपूर्व बेहतरी दर्ज की गई. 2021-22 के 54.82 फ़ीसदी की तुलना में 2022-23 के दौरान MGNREGA के कुल कार्यदिवसों में महिला कार्यदिवसों की हिस्सेदारी 57.47 फ़ीसदी दर्ज हुई.
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