यूपी में पहली बार धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के नियम-कानून लागू किये गये हैं. योगी सरकार की पहल पर प्रदेश में शुरू हुए इस अभियान में अभी तक धार्मिक स्थलों पर बिना अनुमति लगे लगभग 46000 लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं और 58000 से अधिक धर्मस्थलों पर इनकी आवाज को मानकों पर निर्धारित कर बजाने की अनुमति दी गई है. सरकार की इस बड़ी पहल में हर धर्म, जाति, वर्ग, समुदाय के लोग अपनी सहभागिता दे रहे हैं. जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं. सरकार की ओर से धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकरों के लिए निर्धारित किये गये नियमों की सराहना करते नजर आ रहे हैं.
काशी हो या मथुरा, अयोध्या के धर्माचार्य. रामपुर, मुरादाबाद, बरेली और पुराने लखनऊ के मौलाना सभी ने धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर की आवाज पर लगाई गई बंदिश और तय किये नए मानकों का खुले दिल से स्वागत किया है. यह प्रदेश में पहली बार हुआ है जब बिना किसी विवाद और विरोध के योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लगने वाले लाउडस्पीकरों के नियम-कानून लागू कर दिये हैं. सरकार के इस निर्णय को बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. पुराने लखनऊ के मौलाना सरकार की पहल को सकारात्मक सोच बता रहे हैं तो यूपी के अन्य शहरों में भी इस नए नियम का असर लोगों को काफी राहत पहुंचाने वाला साबित हुआ है.
पूरे प्रदेश में बिना किसी भेदभाव के यह अभियान चलाया जा रहा है. कई ऐसे लाउडस्पीकर भी हटाए गये हैं जो बिना अनुमति बजाए जा रहे थे. बिना किसी भेदभाव के चल रहे अभियान से प्रदेश की जनता राहत की सांस ले रही है. गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ इस बात को कह चुके हैं कि किसी भी धर्म के लोग अपनी धार्मिक रीति-रिवाजों के दौरान लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन उसकी आवाज परिसर से बाहर न जाए इसका भी ध्यान उनको ही रखना है. उनका कहना है लाउडस्पीकर की आवाज से किसी दूसरे को दिक्कत नहीं होनी चाहिये.
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