समलैंगिक शादी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले की समीक्षा याचिकाओं पर 10 जुलाई को विचार किया जाएगा. सीजेआई की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच इन पुनर्विचार याचिकाओं पर चैंबर में विचार करेगी. इसके बाद फैसला किया जाएगा कि समीक्षा याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की जाएगी या फिर नहीं की जाएगी.
इन समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई किए जाने को लेकर नीरज किशन कौल ने सुप्रीम कोर्ट में अनुरोध करते हुए कहा था, "अगर इन याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की जा सकती हो..." इस पर सीजेआई ने कहा, "संविधान पीठ की समीक्षा कुछ नहीं है.. आप जानते हैं कि यह चैंबर में है." इस मामले की सुनवाई बुधवार को दोपहर 1.30 बजे की जाएगी.
संविधान पीठ का नेतृत्व CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ करेंगे और उनके साथ इस बैंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस पी एस नरसिम्हा शामिल रहेंगे. न्यायालय ने कहा कि वर्तमान कानून विवाह के अधिकार या समलैंगिक जोड़ों के नागरिक संघ में प्रवेश के अधिकार को मान्यता नहीं देता है, तथा इसके लिए कानून बनाना संसद का काम है.
न्यायालय ने यह भी कहा था कि कानून समलैंगिक दम्पतियों को बच्चे गोद लेने के अधिकार को मान्यता नहीं देता है.
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