नई दिल्ली: देश में 2000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर किया जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोगों को 30 सिंतबर तक यह नोट बदलवाने की सलाह दी है. पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चलन से 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने से "समाज के आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा".
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के मुताबिक, 2000 के नोट आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल नहीं होते और इसकी नकदी सिर्फ 10 फीसदी ही चलन में है. सुब्रमण्यन ने कहा, "दूसरी बात, ज्यादातर आम लोग डिजिटल लेनदेन करते हैं."
लंदन से एएनआई के साथ खास बातचीक में कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा, "जब एक आम आदमी कुछ खरीदने के लिए बाहर आता है, उदाहरण के लिए एक चाय विक्रेता के पास.. पेटीएम और फोनपे के माध्यम से लेनदेन किया जाता है." लोग अब चेंज पैसे के झंझट से बचना चाहते हैं और डिजिटल लेनदेन करते हैं."
उन्होंने कहा, "इस वजह से कई मुश्किलें कम हो जाएंगी." "डिजिटल पैसे का इस्तेमाल देश के हर हिस्से में हो रहा है और आगे चलकर यह बढ़ेगा." बीसीजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक का लेन-देन डिजिटल रूप से होता है.
"रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी लेनदेन का 65 प्रतिशत, या मूल्य के संदर्भ में प्रत्येक तीन लेनदेन में से दो, 2026 तक डिजिटल होने की उम्मीद है."
उन्होंने कहा, "आगे चलकर आम आदमी द्वारा किया जाने वाला डिजिटल लेन-देन और बढ़ेगा. इसलिए, मुझे लगता है कि 2000 के नोट समाज के आम लोगों को प्रभावित नहीं करेंगे."
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