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अगर हो गए ये 3 काम तो बॉर्डर का हर गांव होगा सुरक्षा का नया 'हथियार'... गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कौन से

अमित शाह ने कहा कि सीमांत गांवों में दूरसंचार, सड़क संपर्क, शिक्षा, स्वास्थ्य और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि VVP को सरकारी प्रोग्राम नहीं, प्रशासन की स्पिरिट बनाना है.

अगर हो गए ये 3 काम तो बॉर्डर का हर गांव होगा सुरक्षा का नया 'हथियार'... गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कौन से
  • गृह मंत्री अमित शाह ने वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम कार्यशाला का उद्घाटन किया और इसका लोगो लॉन्च किया.
  • प्रोग्राम का उद्देश्य सीमांत गांवों से पलायन रोकना और हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाना है.
  • कार्यक्रम सीमावर्ती गांवों को इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, संस्कृति संरक्षण और सुरक्षा पर केंद्रित है.
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नई दिल्‍ली:

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में गृह मंत्रालय (MHA) के सीमा प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (VVP) कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया. गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम का लोगो भी लॉन्च किया. इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार, गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक, सीमा प्रबंधन सचिव, VVP के पहले और दूसरे चरण में शामिल सीमावर्ती राज्यों के मुख्य सचिव, सीमा की रक्षा में तैनात सुरक्षा बलों के महानिदेशक और संबंधित जिलों के जिलाधिकारी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.  

पीएम मोदी का ख्याल वाइब्रेंट विलेज  

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम का विचार तीन बिंदुओं पर आधारित है, जिनमें सीमांत गांवों से पलायन रोकना, सीमांत गांवों के हर नागरिक को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करना और VVP में चिह्नित गांवों को सीमा और देश की सुरक्षा के लिए एक उपकरण बनाना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम के विचार को सामने रखा था, तब यह तय हुआ था कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए. 

न केवल हर सीमांत गांव को सभी सुविधाओं से युक्त बनाया जाएग, बल्कि सीमांत गांवों में रहने वाले हर नागरिक को भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी योजनाओं से लैस करके उनके व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाया जाए. साथ ही इन गांवों को देश और सीमा की सुरक्षा के मजबूत उपकरण के तौर पर विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के अंतिम गांव को देश के पहले गांव की उपाधि देकर सीमावर्ती गांवों को देखने का हमारा नजरिया बदलने का काम किया. 

गांव बनेंगे सीमाओं के प्रहरी  

अमित शाह ने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम के लिए चिह्नित किए गए देश के पहले गांव कुछ साल बाद हमारे देश और उसकी सीमाओं की रक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण उपकरण सिद्ध होंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के माध्यम से मल्टी-डायमेंशनल और मल्टी-सेक्टोरल विकास की कल्पना के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन, पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन और हर तरह से गांव के जीवन को वाइब्रेंट बनाने के प्रयास हुए हैं. 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों, VVP में शामिल गांवों के जिला कलेक्टरों और सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) की जिम्मेदारी है कि वे VVP तक सीमित नहीं रहें और इस कार्यक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यह विचार करें कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम से आगे बढ़कर और क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि VVP के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यह आवश्यक है कि भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी विभाग मिलकर इन सीमावर्ती गांवों को सच्चे अर्थों में सुरक्षा का महत्वपूर्ण उपकरण बनाएं. 

गांव से पलायन होगा रोकना 

अमित शाह ने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम की संकल्पना को चरितार्थ करने के लिए सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत सैचुरेशन, पर्यटन के लिए आवश्यक जनसुविधाओं को बढ़ावा और सहकारी संस्थाओं को प्रोत्साहित कर रोजगार सृजन जैसे कदम उठाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अगर होमस्टे जैसे प्रयोगों को सीमावर्ती गांवों तक ले जाएं और इनमें बुकिंग के लिए राज्यों के पर्यटन विभाग उचित व्यवस्था करें तो सीमांत गांवों के हर घर में रोजगार होगा. 

शाह ने कहा कि राज्यों के ग्रामीण विकास विभाग को इन गांवों का गौरव स्थापित करने की दिशा में प्रयास करना होगा और इसमें जिला कलेक्टरों की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि अगर गांवों में सभी सुविधाएं और रोजगार हों तो स्थानीय लोगों में गांव छोड़ कर जाने की इच्छा कभी नहीं होगी. गृह मंत्री ने कहा कि युवा कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विषम भौगोलिक परिस्थिति के बावजूद हमारे नागरिक अपना गांव नहीं छोड़ें, पलायन न हो और गांव की आबादी में वृद्धि भी हो.    

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम लागू करने के बाद कई सीमावर्ती गांवों में आबादी बढ़ी है. यह हमारे देश के सभी सीमांत गाँव के लिए एक संदेश है कि फिर से आबादी बढ़ने का हमारा यह ट्रेंड सही रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. 

डेमोग्राफी में चेंज चिंता का विषय 

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि डेमोग्राफिक बदलाव हमारे लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम में शामिल जिलों के कलेक्टरों को इस मुद्दे को गंभीरता और बारीकी से देखना होगा. सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफिक बदलाव सीधे तौर पर देश और सीमाओं की सुरक्षा को प्रभावित करता है. गृह मंत्री ने कहा कि यह नहीं मानना चाहिए कि यह भौगोलिक स्थिति के कारण हो रहा है, बल्कि यह एक निश्चित डिजाइन के तहत हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्यों के मुख्य सचिवों और CAPFs को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है. 

अमित शाह ने कहा कि योजनाओं के शत-प्रतिशत सैचुरेशन के लिए जिला कलेक्टरों को यह विचार करना चाहिए कि क्या वे इसमें केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ समन्वय कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल स्वास्थ्य, खेल और शिक्षा के क्षेत्र में मदद प्रदान कर सकते हैं. गृहमंत्री शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में आईटीबीपी ने रोजमर्रा की चीजें, जैसे - दूध, सब्जी, अंडे, अनाज आदि वाइब्रेंट गांव से ही खरीदने का सफल प्रयोग किया है. उन्होंने कहा कि हर सीमांत गांव में इस प्रयोग को जमीन पर उतारने की जरूरत है. शाह ने यह भी कहा कि सीमा पर तैनात सेना भी गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से समन्वय कर वाइब्रेंट गांव में रोजगार सृजन की जिम्मेदारी ले. 

कलेक्‍टरों की बड़ी जिम्‍मेदारी 

गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी है कि वे डेयरी कॉपरेटिव बनाकर सीएपीएफ और सेना के दूध की जरुरत को गांव से ही पूरा करें. इससे रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी. शाह ने कहा कि इस प्रयोग को प्रभावी मॉडल के तौर पर विकसित कर हर वाइब्रेंट विलेज में लागू करने का काम गृह मंत्रालय, सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, रक्षा मंत्रालय के माध्यम से सेना और जिला कलेक्टरो को हाथ में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि रोजगार के सृजन से पलायन अपने आप रुकेगा. 

अमित शाह ने कहा कि सीमांत गांवों में दूरसंचार, सड़क संपर्क, शिक्षा, स्वास्थ्य और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि VVP को सरकारी प्रोग्राम नहीं, प्रशासन की स्पिरिट बनाना है. गृह मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य तभी प्राप्त हो सकेगा, जब यह प्रशासन की स्पिरिट बनेगा. उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम में मनरेगा के तहत कुछ नए तालाब बनाने, सघन वृक्षारोपण और स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की संभावना पर भी विचार किया जाना चाहिए. 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम-1 में हम कार्यक्रम तक सीमित रहे, लेकिन वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम-2 में हमें प्रशासन का दृष्ट्रिकोण बदलने की जरूरत है. उन्होंने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों से कहा कि वे अवैध धार्मिक अतिक्रमण को हटाने की दिशा में उचित कार्रवाई करें. ये अतिक्रमण एक सुनिश्चित डिजाइन के तहत हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीमा से कम से कम 30 किलोमीटर तक के दायरे में सभी अवैध अतिक्रमण हटाए जाने चाहिए. शाह ने कहा कि गुजरात ने इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है, वहां समुद्री और भू सीमा से ढेर सारे अतिक्रमण हटाए गए हैं. 

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