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This Article is From Mar 15, 2020

मध्य प्रदेश क्या आज बड़े राजनीतिक मोड़ से रूबरू होगा? स्पीकर ने दिए कुछ और ही संकेत

सरकार के भविष्य को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ बेफिक्र, कैबिनेट मंत्रियों के बयान और स्पीकर के रुख से लग रहा है कि आज टल भी सकता है बहुमत परीक्षण.

मध्य प्रदेश क्या आज बड़े राजनीतिक मोड़ से रूबरू होगा? स्पीकर ने दिए कुछ और ही संकेत
सोमवार को कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण होगा या नहीं, इस पर संशय की स्थिति है.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बीजेपी को विधानसभा के अंदर वोटिंग मशीन की फिक्र
कांग्रेस के 13 बागी विधायकों के इस्तीफे अब तक अधर में
मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- कांग्रेस विधायकों के साथ तंत्र-मंत्र हुआ
भोपाल:

MP Govt Crisis : मध्यप्रदेश में 15 साल बाद, 15 महीने से सत्ता में बैठी कांग्रेस (Congress) का भविष्य आज तय हो सकता है. राज्यपाल के आदेश के मुताबिक आज बहुमत परीक्षण होना है. हालांकि कैबिनेट मंत्रियों के बयान और स्पीकर के इशारों से लग रहा है कि बहुमत परीक्षण टल भी सकता है. इस बीच जयपुर में रुके कांग्रेस के विधायक वापस आ चुके हैं. दूसरी तरफ गुरुग्राम गए बीजेपी (BJP) के विधायक आज देर रात लौट चुके हैं.

विधानसभा अध्यक्ष पर मध्य प्रदेश की संवैधानिक व्यवस्था चलाने का दायित्व है. इस व्यवस्था में भार ज्यादा है, वक्त कम है, ऊपर से कोरोना का खतरा भी है. विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि ''मैं विधानसभा का संरक्षक हूं. मेरी विधानसभा के माननीय सदस्यों के साथ क्या हो रहा है, यह लोकतंत्र पर प्रश्नचिन्ह है. कल जब वे आएंगे, मास्क भी दिए जाएंगे, सैनिटाइजर भी. चिंता है, तो प्रश्न पैदा हो रहा है कि पहली प्राथमिकता किसी प्रदेश की स्वास्थ्य के प्रति होती है.''

इस बीच सरकार के भविष्य को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ बेफिक्र हैं और बीजेपी को सदन के अंदर वोटिंग मशीन की फिक्र है. रविवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि ''आज ये जानकारी मिली है कि विधानसभा का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा है. हम लोगों ने गवर्नर से मिलकर मांग की है कि हाथ उठाकर परीक्षण करवा लें.''

कांग्रेस के 13 बागी विधायकों को लेकर सवाल है क्योंकि उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं. सोमवार को अगर कोई पेंच फंसा तो कैसे सुलझेगा, इसके लिए बीजेपी के नेताओं ने भी महाधिवक्ता के घर दौड़ लगा दी है.

कांग्रेस के विधायक जयपुर यात्रा से वापस लौट आए हैं, कैबिनेट की बैठक भी हो गई है लेकिन सारे मंत्री कोरोना को लेकर परेशानी की बात कह रहे हैं. जयपुर से लौटे कांग्रेस विधायकों की मेडिकल जांच भी हो गई है. करोना की खबर यूं ही नहीं है. सरकार ने राज्य में मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट- 1949 को लागू कर दिया है. इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों को मजिस्ट्रेट जैसी शक्तियां मिल गई हैं. कोरोना को रोकने वे लोगों को अलग-थलग कर उन्हें रोक सकते हैं.

इस बीच कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा शनिवार को नलखेड़ा में हवन करके लौटे हैं. वे कह रहे हैं कि उन्होंने अपने पुराने साथियों के वीडियो गौर से देखे हैं. उन्हें लगता है उनके साथ तंत्र-मंत्र हुआ है. पीसी शर्मा का कहना है कि उनके चेहरे परेशान, पीड़ित दिख रहे हैं. वे हिप्नोटाइज हैं, इस तरह का लग रहा है.

मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सदस्य हैं. दो विधायकों का निधन हो चुका है और छह विधायकों के इस्तीफे अध्यक्ष स्वीकार कर चुके हैं. इससे कुल सदस्य संख्या 222 हो गई है. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 112 है. कांग्रेस के विधायकों की संख्या 108 है, लेकिन उसे सपा के एक, बसपा के दो और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. दूसरी तरफ बीजेपी के 107 विधायक हैं.

VIDEO : मध्यप्रदेश में कल कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट

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