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कश्मीर के विकास से क्यों चिढ़ते हैं आतंकवादी? गांदरबल हमले ने दिखाया इनका असली चेहरा

Ganderbal Terror Attack: आतंकवादियों की कमर टूट चुकी है. सेना या पुलिस से तो भिड़ने की ताकत तो अब बची नहीं. रही सही कसर चुनाव में जम्मू कश्मीर की जनता ने पूरी कर दी. तो अब सड़कों पर काम करने वाले आम मजदूरों को निशाना बना रहे हैं...

कश्मीर के विकास से क्यों चिढ़ते हैं आतंकवादी? गांदरबल हमले ने दिखाया इनका असली चेहरा
सेना आतंकियों की तलाश कर रही है.

Ganderbal Attack: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के लोगों का अगर सबसे बड़ा दुश्मन अगर कोई है तो ये आतंकवादी. अगर जम्मू कश्मीर के लोगों की जिंदगी को सबसे ज्यादा किसी ने तबाह किया है तो वो इन आतंकवादियों ने. जब भी जम्मू कश्मीर के लोगों की भलाई का काम होता तो सबसे ज्यादा तकलीफ इन आतंकवादियों को होती है. ये खुद तो दावा करते हैं कि वे कश्मीर के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन असलियत में ये कश्मीर को बर्बाद और खुद को जिंदा रखने के लिए लड़ रहे हैं. ये रविवार रात एक बार फिर साबित हो गया. जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार रात इन आतंकवादियों ने सुरंग बनाने के लिए वहां गए एक निजी कंपनी के अधिकारियों और मजदूरों की हत्या कर दी. अब सोचिए क्या कोई कश्मीर से प्यार करने वाले सड़क बनाने वालों की जान लेगा?

बार-बार पहुंचाते हैं नुकसान

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. हर बार जब भी कश्मीर के लोगों को कुछ नया मिलने जा रहा होता है. उनकी खुशहाली बढ़ने वाली होती है तो ये आतंकवादी रंग में भंग डालने आ जाते हैं. अमरनाथ यात्रा से कश्मीर के लोगों को रोजगार मिलता है. साल भर कश्मीरी इस यात्रा के शुरू होने का इंतजार करते हैं, लेकिन ये आतंकवादी इसमें भी खलल डालने की कोशिश करते रहते हैं. इसी तरह कोई सड़क बननी हो, कोई सुरंग बनना हो इन आतंकवादियों को तकलीफ होती है. इन्हें लगता है कि अगर कश्मीर की जनता खुशहाल हो गई तो इनको कौन पूछेगा? इनका तो रोजगार ही चला जाएगा? विदेश से आने वाला फंड बंद हो जाएगा. 

सुरंग बनाने वालों को क्यों मारा?

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक निजी कंपनी के श्रमिक शिविर पर आतंकवादियों ने ये हमला किया.रविवार रात लगभग 8.15 बजे हुए इस आतंकवादी हमले में निजी कंपनी के दो अधिकारियों और तीन मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर सहित पांच गैर-स्थानीय लोग मारे गए. गगांगीर श्रीनगर शहर से लगभग 74 किलोमीटर दूर है.घायलों को कंगन शहर के एक उप-जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायलों को श्रीनगर शहर के एसकेआईएमएस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. निजी कंपनी श्रीनगर-सोनमर्ग को हर मौसम के लिए उपयुक्त सड़क बनाने के लिए गगनगीर इलाके से सोनमर्ग पर्यटन स्थल तक सुरंग बनाने में लगी हुई है. 

काल की तरह ढूंढ रही सेना

अधिकारियों ने कहा, "सेना और पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और आतंकवादियों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है." केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा, ''मैं जम्मू-कश्मीर के गगनगीर, सोनमर्ग में निर्दोष मजदूरों पर हुए भयानक आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जो एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना में लगे हुए थे."जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल जिले में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हुए आतंकी हमले की निंदा की है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'सोनमर्ग क्षेत्र के गगनगीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर कायरतापूर्ण हमले की दुखद खबर. मैं निहत्थे निर्दोष लोगों पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.'

आतंकियों का उपचार जारी

हाल के दिनों में आतंकवादियों और विशेष रूप से कट्टर विदेशी भाड़े के सैनिकों ने पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, उधमपुर और रियासी जिलों सहित जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों में सेना, अन्य सुरक्षा बलों और नागरिकों पर कुछ हिट-एंड-रन हमले किए हैं. आतंकवादियों को घात लगाकर हमले करने और फिर कठिन वन क्षेत्रों में छिपने से रोकने के लिए इन जिलों के घने जंगली इलाकों में विशिष्ट पैरा कमांडो बल और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित 4000 से अधिक प्रशिक्षित कमांडो को तैनात किया गया है.इन पर्वतीय जिलों में सेना और सीआरपीएफ की तैनाती के अलावा, पुलिस ने ग्राम रक्षा समितियों (वीडीसी) को स्वचालित हथियार भी जारी किए हैं.वीडीसी जम्मू संभाग के दूरदराज, दुर्गम इलाकों में अपने गांवों और परिवारों को आतंकवादियों से बचाने के लिए हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित नागरिकों के समूह हैं. सेना का कहना है कि मजदूरों को मारने वाले आतंकवादियों की घेराबंदी की जा रही है. उन्हें उसी इलाके में मार गिराया जाएगा.

गगनगीर हमले में मृत/घायल व्यक्तियों का विवरण
1. गुरमीत सिंह पुत्र धर्म सिंह निवासी गुरदासपुर पंजाब (मृत)
2. डॉ शाहनवाज (मृत)
3. अनिल कुमार शुक्ला (मृत)
4. मोहम्मद फहीम (मृत)
5. 02 मृत मजदूर. इनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.
6. इंदर यादव उम्र 35 वर्ष पुत्र गरीब दास निवासी बिहार (घायल)
7. मोहन लाल उम्र 45 वर्ष पुत्र सौम नाथ निवासी कुठवा  (घायल)
8. मुश्ताक अहमद लोन उम्र 25 वर्ष पुत्र जहूर अहमद निवासी प्रेंग  (घायल)
9. इशफाक अहमद भट उम्र 30 वर्ष पुत्र अब्दुल अहद भट निवासी सफापोरा  (घायल)
10. जगतार सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी कुठवा (घायल)


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