
जानें कौन हैं मुकुल रोहतगी
दूसरी बार देश के अटॉर्नी जनरल के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने जा रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी 14वें के बाद अब 16वें AG होंगे. जून 2014 और जून 2017 के बीच अपने पहले कार्यकाल के बाद AG के रूप में रोहतगी का यह दूसरा कार्यकाल होगा. दरअसल, वर्तमान AG वेणुगोपाल का 30 सितंबर को कार्यकाल पूरा हो रहा है. इस साल जून के अंत में एजी वेणुगोपाल का कार्यकाल तीन महीने या "अगले आदेश तक" के लिए बढ़ा दिया गया था. यही अब 30 सितंबर को समाप्त होने वाला है. वेणुगोपाल को 1 जुलाई, 2017 को तीन साल के कार्यकाल के लिए अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में एक साल के लिए दो बार बढ़ाया गया था.
- 17 अगस्त 1955 को सीनियर एडवोकेट और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट के जज बने अवध बिहारी रोहतगी के बेटे मुकुल रोहतगी का जन्म मुंबई में हुआ.
- स्कूल कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली और मुंबई में ही हुई
- दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की
- फिर मुंबई के ही प्रतिष्ठित गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद मुकुल 1978 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के तौर पर रजिस्टर्ड हुए
- ओडिशा के फकीर मोहन विश्वविद्यालय ने उनको 2011 में डॉक्टरेट इन लॉ से अलंकृत किया
- 2016 में यूपी की एमिटी यूनिवर्सिटी ने उनको एलएलडी डॉक्टर ऑफ लॉ की उपाधि से विभूषित किया
- यूपीए सरकार के दौरान 2008 में रोहतगी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नेशनल लॉ डे अवार्ड से सम्मानित किया
- उस दौर के मशहूर वकील योगेश कुमार सब्बरवाल के जूनियर के रूप में कानून और न्याय प्रक्रिया के बारीक गुर सीखने लगे
- मुकुल रोहतगी 1993 में 39 साल की आयु में दिल्ली हाईकोर्ट से सीनियर एडवोकेट बनाए गए
- मुंबई से दिल्ली में आकर अपनी प्रखर तर्क क्षमता और कानून के बारीक दांव पेंच की समझ के बदौलत धाक जमाने वाले मुकुल रोहतगी को 1999 में वाजपेयी सरकार के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया
- फिर 2014 में मोदी सरकार आई तो कानून मंत्री अरुण जेटली ने अपने पुराने मित्र और दिग्गज वकील मुकुल रोहतगी को अटॉर्नी जनरल नियुक्त करने का मन बनाया
- रोहतगी 19 जून 2014 से 18 जून 2017 तक 14 वें अटॉर्नी जनरल रहे
- रोहतगी ने 2014 में 13 वें अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती से चार्ज लिया था
- पहला कार्यकाल पूरा होने पर रोहतगी से केके वेणुगोपाल ने 15 वें अटॉर्नी जनरल के तौर पर काम शुरू किया
- संजोग है कि रोहतगी 16 वें अटॉर्नी जनरल के तौर पर वेणुगोपाल से ही चार्ज लेंगे
- वकालत के अपने लंबे दौर में मुकुल रोहतगी ने अनगिनत बड़े मुकदमे लड़े
- मशहूर और चर्चित मुकदमों में गुजरात दंगे को लेकर हुए मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई विशेष जांच टीम यानी एसआईटी की ओर से पैरवी की
- शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग्स केस में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट आर्यन की वकालत की
- राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग यानी NJAC मामले में अटॉर्नी जनरल के तौर पर केंद्र सरकार की पैरवी की
- इसके अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड सहित जिन राज्य विधान सभाओं में संवैधानिक संकट आया मुकुल रोहतगी ने हमेशा केंद्र या राज्य सरकारों की पैरवी की है
- पिछले कई सालों में सुप्रीम कोर्ट में आए लगभग सभी बड़े और चर्चित मामलों में मुकुल रोहतगी की उपस्थिति अनिवार्य ही रही है
- कानून के दिग्गज विशेषज्ञ और अटॉर्नी जनरल के रूप में मुकुल रोहतगी ने कई अंतरराष्ट्रीय लीगल कॉन्फ्रेंस में भारतीय दल की अगुआई कर चुके हैं
- 2006 में सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस ने रोहतगी को स्कॉटलैंड में आयोजित इंडो ब्रिटिश लीगल फोरम में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का सदस्य बनाकर भेजा जहां उन्होंने पर्यावरण कानूनों का मानवाधिकारों पर पड़ने वाले असर पर शोध पत्र प्रस्तुत किया जिसकी खूब चर्चा हुई
- रोहतगी की महंगी और लग्जरी कारों का भी शौक है
- उनके पास बेंटले और बीएमडब्ल्यू कारें भी हैं
- इसके अलावा रोहतगी को पढ़ने और घूमने का शौक है
- एक पेशी के लिए लाखों रुपए फीस लेने वाले रोहतगी ने कई बार कहा है कि वो दुनिया भर में घूमने के शौकीन हैं.
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