मनोज कुमार सिंह को रविवार को उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया. मनोज 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है. मनोज इससे पहले मुख्य सचिव के बाद आने वाले दो सबसे बड़े पदों कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) औद्योगिक विकास आयुक्त के पद पर भी रह चुके हैं.मुख्य सचिव को किसी प्रदेश का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है.आइए जानते हैं कि मुख्य सचिव के प्रशासनिक अधिकार क्या हैं और उसे कितनी तनख्वाह मिलती है.
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा अधिकारी कौन है?
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव का स्थान प्रदेश के प्रशासन में सबसे ऊपर होता है.मुख्य सचिव प्रदेश के सचिवालय का कार्यकारी प्रमुख होता है. राज्य के महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकार मुख्य सचिव के पास होते हैं.मुख्य सचिव राज्य में प्रशासन के मामलों में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार की तरह काम करता है. मुख्य सचिव बनने के लिए किसी आईएएस अधिकारी के पास 34 से 36 साल का अनुभव जरूरी होती है.
प्रदेश सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की देखरेख का जिम्मा भी मुख्य सचिव के पास ही होता है.मुख्य सचिव कामकाज के लिए प्रदेश के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करता है.सरकार की महत्वपूर्ण फाइलें मुख्य सचिव की स्वीकृति के बिना आगे नहीं बढ़ती हैं.किसी भी फाइल को आगे बढ़ाने के लिए चीफ सेक्रेटरी की मंजूरी जरूरी होती है.
मुख्य सचिव का वेतन कितना होता है?
प्रदेश सरकार जब भी नीतियां बनाती हैं तो संविधान में दिए गए अधिकार के चलते कार्यपालिका के प्रमुख होने के कारण मुख्य सचिव ही उसका क्रियान्वयन कराते हैं.उनके पास कई सारे विभागों में सचिवों की एक टीम होती है.ये सचिव ही उन विभागों का दायित्व संभालते हैं.लेकिन मुख्य सचिव समय-समय पर इन विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हैं. इसके अलावा मुख्य सचिव प्राकृतिक आपदाओं, कानून-व्यवस्था की स्थितियों और अन्य आपातस्थितियों में हालात को सामान्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
प्रशासनिक अधिकारियों में सबसे अधिक वेतन मुख्य सचिव का होता है.उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सवा दो लाख रुपये का वेतन प्रतिमाह होता है.
मनोज कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ऐसे समय प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया है, जब सत्ताधारी बीजेपी को प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा है.इन परिणामों के पीछे प्रदेश की अधिकारियों की कार्यशैली को भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है. ऐसे में मनोज सिंह के सामने एक बड़ी चुनौती प्रशासन की छवि को निखारने की भी होगी.यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कई वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी कर मनोज कुमार सिंह को प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया है.
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