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नए कानून लागू होने के बाद घर बैठे FIR कैसे लिखवाएं, यहां जानें पूरा प्रोसेस

Three Criminal Law: अगर आप किसी अपराध का शिकार हो जाते हैं, तो पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है.घर बैठे ही किस तरह से FIR दर्ज करवाई जा सकती है, जानें.

नए कानून लागू होने के बाद घर बैठे FIR कैसे लिखवाएं, यहां जानें पूरा प्रोसेस
घर बैठे FIR दर्ज कैसे करवाएं.

सोमवार से  देशभर में तीन नए आपराधिक कानून (Three Criminal Law) लागू हो गए हैं. इसके साथ ही पुराने यानी कि औपनिवेशिक काल के कानूनों के तीन कानून खत्म कर दिए गए हैं. जिस आईपीसी और सीआरपीसी का जिक्र हम अक्सर सुनते आए हैं, वो भी अब इतिहास बन गई है. साथ ही आईईए को भी खत्म कर दिया गया है. आज से जो तीन क्रिमिनल लॉ लागू हुए हैं, वे भारतीय न्याय संहिता  (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS, भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) हैं. मतलब ये है कि  आईपीसी की जगह BNS, सीआरपीसी की जगह BNSS और आईईए की जगह BSA ने ले ली है.

भारतीय न्याय संहिता में बदलाव किया गया है. अब इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन के जरिए दी गई खबर पर भी FIR लिखी जा सकेगी.  यानी कि ई-मेल, व्हाट्सएप, और सीसीटीएनएस पोर्टल के जरिए अब FIR दर्ज करवाई जा सकेगी. अब घर बैठे ही FIR दर्ज करवाई जा सकेगी और छाने के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. अगर ई-FIR दर्ज करवाई जाती है तो तीन दिन के भीकर पीड़ित को थाने जाना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसकी FIR को फर्जी माना जाएगा. 

घर बैठे कैसे लिखवाएं FIR?

नए कानून से आधुनिक न्याय प्राणाली सुनिश्चित की जा सकेगी. नए कानून में अब अब जीरो एफआईआर, समन के लिए SMS जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों का इस्तेमाल, पुलिस कंप्लेंड का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, जघन्य अपराधों के लिए घटनास्थल की वीडियोग्राफी जैसे प्रावधानों को शामिल किया गया है. अगर आपके साथ कोई क्राइम हो जाए तो किस तरह से घर बैठे ही आप FIR दर्ज करवा सकते हैं, स्टेप्स में जानिए. 

 E-FIR कैसे लिखवाएं

किसी भी क्राइम की स्थिति में अगर पीड़ित सशरीर पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहता तो वह घर बैठे इलैक्ट्रोनिक माध्यम जैसे SMS या Email के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. 

पहला स्टेप

अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए आप दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर जा सकते है या फिर किसी भी ई-कम्युनिकेशन माध्यम से पुलिस स्टेशन को अपनी शिकायत भेज सकते हैं.

दूसरा स्टेप

घटना की पूरी डिटेल फिल करें, अपनी पर्सनल डिटेल और साथ ही जरूरी डॉक्युमेंट्स की डिटेल भी भरें. 

तीसरा स्टेप

शुरुआती वेरिफिकेशन के लिए ई-एफआईआर को जांच अधिकारी को भेजा जाएगा. इसके बाद इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर सकता है कि क्या प्रथम दृष्टया कोई मामला है या इसमें अधिकतम 14 दिन लगेंगे. ई-संचार के जरिए भेजी गई शिकायत को तीन दिन के भीतर रिकार्ड में लिया जाएगा और FIR दर्ज की जाएगी.

अगर तत्काल एक्शन की जरूरत है तो शिकायत के आधार पर इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर शिकायतकर्ता के आधार पर मामला दर्ज कर सकता है. 

SHO की तरफ से एफआईआर को रिव्यू किया जाएगा और इसे इन्वेस्टिगेशन अधिकारी को असाइन किया जा सकता है. वहीं FIR की कॉपी शिकायतकर्ता को फ्री में दी जाएगी.


3 नए कानून कौन-कौन से हैं?

  • भारतीय न्याय संहिता  (BNS)
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)

कौन कौन सी धाराएं बदल गई हैं?

  • तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद बीएनएस में करीब 175 धाराओं में बदलाव किया गया है.
  • धोखाधड़ी से संबंधित धारा का क्रम में बदलाव किया गया है. नए कानून में धोखाधड़ी और ठगी करने वालों के खिलाफ धारा-318 लागू होगी. अब किसी ठग को 420 कहना सही नहीं होगा.
  • हत्या, रेप, डकैती, चोरी समेत हर धारा का नंबर भारतीय न्याय संहिता में बदल दिया गया है. भारतीय न्याय संहिता में IPC की दफा 302 बदलकर धारा 103 कर दी गई है.
  • IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता, CRPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और IEA की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम हो गया है.
  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम   (BSA) में बदलाव किए गया है.
  •  भारतीय न्याय संहिता  (BNS) में भी बदलाव किए गए हैं. 
  • अब तक इंडियन एविडेंस एक्ट में 167 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं. 
  •  नए कानून में 6 धाराएं खत्म कर दी गई हैं और अधिनियम में दो नई धाराएं और 6 उप धाराएं जोड़ी गई हैं.
  • नए कानून में गवाहों की सुरक्षा के लिए भी प्रावधान बनाए गए है. 
  • डॉक्युमेंट्स की तरह इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी कोर्ट में माने जाएंगे, जिसमें ई-मेल, मोबाइल फोन, इंटरनेट आदि से मिलने वाले साक्ष्य शामिल हैं. 
     

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