क्या होता है रोड रेज, क्यों होती है रोड रेज की घटनाएं, कैसे बचें...?

बहुत आसान भाषा में रोड रेज को समझें तो इसका अर्थ सड़क पर हुई छोटी-बड़ी घटनाओं के कारण आने वाले गुस्से, रोष या आक्रोश से है. कभी-कभी यह गुस्सा किसी शख्स पर इस कदर हावी हो जाता है कि वह यह फिक्र भी नहीं करता कि वह सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों को कितना और किस हद तक नुकसान पहुंचा रहा है. रोड रेज की वारदात में कई बार लोगों की जान तक चली जाती है.

क्या होता है रोड रेज, क्यों होती है रोड रेज की घटनाएं, कैसे बचें...?

रोड रेज का खतरा किस कदर बढ़ चुका है, यह अंदाज़ा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा को देखकर लगाया जा सकता है...

नई दिल्ली:

नोएडा में हाल ही में हुई एक घटना ने पूरे देश को दहला दिया है. एक शख्स ने एक अनजान व्यक्ति को बड़ी बेरहमी से अपनी कार से कुचल दिया, और सिर्फ इसलिए, क्योंकि दोनों की कार गलती से आपस में टच हो गई थी. शुरुआत आपस में बहस से हुई, जिसके बाद दूसरी कार में मौजूद चार में से एक शख्स ने दिवाकर मोटवानी नाम के व्यक्ति को अपनी कार से कुचल दिया. इस वारदात को अंजाम देने वाले चारों लोग यूनिवर्सिटी के छात्र बताए जा रहे हैं. यह घटना इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि सड़कों पर यूं गाड़ी के साथ गुस्सा दिखाने की घटनाएं दिन-ब-दिन आम होती जा रही हैं, जिन्हें रोड रेज (सड़क पर गुस्सा) कहा जाता है.

क्या है रोड रेज...?

बहुत आसान भाषा में रोड रेज को समझें तो इसका अर्थ सड़क पर हुई छोटी-बड़ी घटनाओं के कारण आने वाले गुस्से, रोष या आक्रोश से है. कभी-कभी यह गुस्सा किसी शख्स पर इस कदर हावी हो जाता है कि वह यह फिक्र भी नहीं करता कि वह सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों को कितना और किस हद तक नुकसान पहुंचा रहा है. रोड रेज की वारदात में कई बार लोगों की जान तक चली जाती है.

रोड रेज के चौंकाने वाले आंकड़े

रोड रेज का खतरा किस कदर बढ़ चुका है, यह अंदाज़ा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा को देखकर लगाया जा सकता है. अब से तकरीबन छह साल पहले तक ब्यूरो इस तरह के कोई आंकड़े नहीं रखता था, लेकिन अब रोड रेज के आंकड़ों रखे जाने लगे हैं. पहली बार साल 2016 में यह आंकड़े कलेक्ट किए गए. तब यह आंकड़ा 513 का था. यानि उस साल सड़क पर चलने वाले 513 लोग किसी अनजान के गुस्से का शिकार हुए. यह आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है, क्योंकि इसमें सारे राज्यों के आंकड़े शामिल नहीं किए गए थे. अब रोड रेज के आंकड़े इससे कहीं ज्यादा होने की आशंका है.

क्यों होता है रोड रेज...?

रोड रेज के कई कारण हो सकते हैं. ऐसे कारण, जो गाड़ी चलाते-चलाते आपको गुस्सा दिलाएं या आप बहुत ज्यादा चिढ़ जाएं. तब आप रोड रेज के गुनहगार बन सकते हैं.

  • आपका मूड सबसे पहले रोड रेज का जिम्मेदार होता है. जब भी घर से निकलें, शांत भाव से निकलें. घर का तनाव सड़क पर जानलेवा साबित हो सकता है.
  • घंटों लगा ट्रैफिक जाम रोड रेड का बड़ा कारण होता है. जब जाम खुलते ही लोग तेज़ी से गाड़ियां दौड़ाते हैं, तब रोड रेज को अंजाम दे सकते हैं.
  • रोड पर लंबा ट्रैफिक हो. किसी को जरूरी काम से जल्दी पहुंचना है. ऐसे में ट्रैफिक में फंसे रहने की चिढ़ और आसपास लगातार बज रहे हॉर्न रोड रेज के लिए उकसाते हैं.
  • बार-बार गलत दिशा से ओवरटेक करने वाले लोग इतना गुस्सा दिला देते हैं कि लोग तेज़ रफ्तार में गाड़ी चलाने पर और साइड न देने पर मजबूर हो जाते हैं.
  • काम का या डेडलाइन का तनाव या ऑफिस में एक खराब दिन रोड पर गुस्सा निकालने पर मजबूर कर देता है.

रोड रेज से कैसे बचें...?

रोड रेज के कारणों से समझा जा सकता है कि अगर आप पर काम का बोझ या रिश्तों का तनाव ज्यादा है तो उसका असर आपकी ड्राइविंग पर ज़रूर पड़ता है, इसलिए जब भी गाड़ी लेकर घर से निकलें, दिमाग को थोड़ा शांत कर लें.

  • अगर लंबे ट्रैफिक जाम में फंस गए हैं. तो, रास्ता साफ करने के लिए चिल्ला-चोट करने की जगह शांत बैठें और दूसरी चीज़ों में मन लगाएं. बेहतर होगा कि गूगल मैप पर ट्रैफिक चैक कर लें. लगता है कि जिस रोड से जाने वाले हैं, वहां ट्रैफिक बहुत ज्यादा होगा तो पहले ही रास्ता बदल लें.
  • अपने समय को इस तरह मैनेज करें कि सड़क पर जल्दबाजी की नौबत ही न आए.
  • जब गुस्सा आए तो गाड़ी के एक्सीलेटर पर पैर दबाने से पहले माइंड डाइवर्ट करने की कोशिश करें. हो सके तो गाड़ी पार्क करके उतर जाएं. किसी दोस्त को फोन लगा लें या आसपास मौजूद किसी शॉप पर जाकर थोड़ा वक्त बिता लें.
  • यह समझ लें कि आपके गुस्सा करने या चिल्लाने से स्थिति कतई ठीक नहीं होगी, बल्कि इससे आपकी परेशानी बढ़ेगी. इसलिए व्यर्थ गुस्सा कर अपनी परेशानी न बढ़ाएं.
  • अगर सड़क पर कोई व्यक्ति व्यर्थ आपसे बहस कर रहा हो तो बहस को टालने की कोशिश करें. अगर वह बदतमीजी, गाली-गलौज व हिंसा पर उतारू हो तो तुरंत पुलिस की मदद लें.
  • अगर किसी छोटी-मोटी टक्कर से आपके वाहन का कोई मामूली नुकसान हुआ हो तो उसे लेकर बेकार झगड़ा न करें. आपका जीवन और मानसिक शांति उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.
  • अपनी वाहन की फिटनेस पर पूरा ध्यान दें. इससे दुर्घटना की संभावना कम होती है.
  • वाहन के पेपर्स जैसे इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा अपडेट रखें. इससे दुर्घटना होने की स्थिति में आपको कानूनी मदद भी मिलती है.
  • शराब पीकर कभी गाड़ी न चलाएं.

--- ये भी पढ़ें ---

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

VIDEO: दिल्ली में रोड रेज में डबल मर्डर