 
                                            - भारत राफेल लड़ाकू विमानों के लिए मीटियर मिसाइलों की खरीद पर काम कर रहा है
- मीटियर मिसाइल की मारक क्षमता 200 किलोमीटर से अधिक है और यह यूरोपीय कंपनी एमबीडीए ने तैयार की है.
- नौसेना के लिए 26 राफेल विमानों के साथ 1500 करोड़ रुपये की ऐसी मिसाइल खरीद समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत लगातार अपनी हवाई ताकत को मजबूत करने में जुटा है. वायुसेना के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल के लिए हवा से हवा में मार करने वाली मीटियर मिसाइलों की नई खेप खरीदने की तैयारी भारत कर रहा है. राफेल भारत के पास इकलौता ऐसा फाइटर जेट है, जो 200 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली ऐसी यूरोपीय मिसाइल दागने की क्षमता रखता है. रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया है कि 1500 करोड़ रुपये का ये सौदा अग्रिण चरण में है. यूरोपीय डिफेंस कंपनी MBDA ये मिसाइलें तैयार करती है.
- 200 किमी से ज्यादा की टारगेट रेंज मिसाइल की
- 1500 करोड़ का रक्षा सौदा पूरा होने के करीब
- 26 नेवी राफेल जेट के लिए भी होगी खरीद
- 700 अस्त्र मार्क 2 मिसाइलों की भी खरीद की तैयारी
राफेल के साथ खतरनाक जोड़ी
पलक झपकते आंखों से ओझल से इस मिसाइल की खरीद के सौदे को एक उच्चस्तरीय बैठक में इसे मंजूरी मिल सकती है. भारत ने फ्रांस से जब 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों का पहला बेड़ा हासिल किया था, तभी उसने इन घातक मिसाइलों का ऑर्डर दिया था. अब जब नौसेना के लिए 26 राफेल फाइटर जेट खरीदने की तैयारी है और जो अगले साल भारत को मिलने वाले हैं, उनके लिए भी इन मिसाइलों की दरकार है.
मीटियर मिसाइल की ताकत
190 किलो वजन
3.7 मीटर लंबाई
178 मिमी व्यास
किन फाइटर जेट में फिट
यूरोफाइटर
एफ-35 
ग्रिपेन
राफेल
लंबी दूरी के टारगेट पर सटीक निशाना
बियांड विजुअल रेंज का मतलब ऐसा टारगेट जहां से पायलट बिना किसी तकनीकी मदद से टारगेट को न देख सके. मीटियर ऐसी ही मिसाइल है, जिसके जरिये दूरदराज से ही फाइटर जेट अपने टारगेट को बेहद सटीक ढंग से ध्वस्त कर सकता है. आमतौर पर 40 किमी या उससे ज्यादा रेंज के लिए ये कहा जाता है. वायुसेना 700 अस्त्र मार्क 2 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की खरीद भी तैयारी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इसका विकास कर रहा है. सुखोई-30 और एलसीए हल्के लड़ाकू विमानों के लिए इनकी खरीद हो रही है. जबकि राफेल के बेड़े को लिए मेटॉयर के साथ एंडी रेडिएशन मिसाइल भी भविष्य में मिल सकती हैं.  
पाकिस्तान के सैन्य ठिकाने किए थे ध्वस्त
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य और आतंकी ठिकानों को बेहद सटीक ढंग से नेस्तनाबूद किया था और उसे 4 दिन के भीतर सीजफायर के लिए मजबूर होना पड़ा था.भ भारत के लड़ाकू विमानों ने लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल इन हमलों में किया था. इसके बाद पाकिस्तानी वायुसेना ने हवा से हवा और सतह से हवा में मार करने वाली चीनी मिसाइलों के जरिये  जवाबी कार्रवाई की कोशिश की थी, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी थी.
पाकिस्तान की पीएल-5 मिसाइलें फुस्स हुई थीं
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने बिना किसी कामयाबी के बडे़ पैमाने पर चीनी पीएल-15 एयर टू एयर मिसाइलों का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तान कुछ सालों से चीन से इन मिसाइलों की खरीद कर रहा है. भारत अपनी सभी फ्लीट के लिए ऐसी बियांड विजुअल रेंज वाली मिसाइलों की खरीदने में जुटा है.
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