- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला वायुसेना स्टेशन पर राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया
- राफेल विमान फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित है और सितंबर दो हजार बीस में वायुसेना में शामिल हुआ
- अंबाला एयरबेस राफेल स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज का मुख्य केंद्र है
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं. भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं की कमांडर भी होता है. गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुखोई-3 एमकेआई लड़ाकू विमान में भी उड़ान भर चुकी हैं. यह उड़ान उन्होंने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से भरी थी.

राष्ट्रपति सुबह अंबाला एयरबेस पहुंचीं, जहां वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. राफेल में उनकी यह सॉर्टी भारतीय वायुसेना की तकनीकी दक्षता और आधुनिकता का प्रतीक है.

राफेल लड़ाकू विमान फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित है और सितंबर 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ. अंबाला एयरबेस राफेल स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज' का मुख्य केंद्र है. इन विमानों ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले कर अपनी ताकत साबित की थी.

राष्ट्रपति की यह उड़ान ऐसे समय में हुई है जब भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की डील को मंजूरी मिल चुकी है. इनमें 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर जेट शामिल होंगे. यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी के बाद हुआ है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं