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भारत-पाक के बीच 90 घंटे का संघर्ष समाप्त, जानें युद्धविराम क्या है?

तीन दिनों तक चले संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच शनिवार को युद्धविराम हुआ था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि शनिवार शाम पांच बजे से सीजफायर लागू हो गया है, लेकिन महज चार घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया. हालांकि देर रात तक हमले रुक गए और सुबह सीमावर्ती इलाकों में लोग सड़क पर भी दिखे.

संघर्ष विराम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की थी.

नई दिल्ली:

बमों की गूंज, टैंक की गरज, और आसमान में गूंजती जेट्स की आवाजें... बीते चार दिन भारत और पाकिस्तान की सरहदों पर कुछ ऐसा ही मंजर था. लेकिन अब एक सांस लेने जैसा सुकून…युद्धविराम लागू हो गया है. 90 घंटे, यानी 3 दिन और 18 घंटे तक भारत और पाकिस्तान के बीच चला तनाव अब थमा है. दोनों देशों के बीच एक बार फिर से युद्धविराम की घोषणा हुई है. लेकिन इस संघर्ष ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जैसे क्या ये सिर्फ अस्थायी शांति है? या वाकई में एक स्थायी समाधान की शुरुआत है ? लेकिन सबसे पहले जानिए कि ये 90 घंटे हुए क्या?

6 मई को LoC पर अचानक भारी गोलाबारी शुरू हुई. शुरुआत नियंत्रण रेखा के उरी सेक्टर से हुई, लेकिन धीरे-धीरे पुंछ, राजौरी, और करगिल तक हालात बिगड़ गए. दोनों तरफ के सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की, और फिर शुरू हुआ वो सिलसिला जिसने 2003 के युद्धविराम समझौते को भी हिला कर रख दिया. 6 मई रात 11 बजे पहली फायरिंग… 7 मई दोपहर को भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई… 8 मई को पाकिस्तान की ओर से ड्रोन मूवमेंट…और फिर दोनों देशों के DGMO  यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स की आपात कॉल जिसमें तय हुआ कि अब और खून-खराबा नहीं. लेकिन असली सवाल ये है कि ये युद्धविराम आया कैसे? क्या कूटनीति काम आई या दबाव बनाया गया?

तीन दिनों तक चले संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच शनिवार को युद्धविराम हुआ था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि शनिवार शाम पांच बजे से सीजफायर लागू हो गया है, लेकिन महज चार घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया. हालांकि देर रात तक हमले रुक गए और सुबह सीमावर्ती इलाकों में लोग सड़क पर भी दिखे.

इस तनाव के बीच पर्दे के पीछे अमेरिका और UAE जैसे देशों ने मध्यस्थता की. भारत ने साफ किया कि वो ‘नो फर्स्ट एग्जेगरेशन' यानी पहले गोली नहीं चलाएगा, लेकिन जवाब जरूर देगा. वहीं पाकिस्तान पर घरेलू दबाव बढ़ रहा था, क्योंकि उसकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं कि एक और युद्ध झेले.

सीजफायर क्या होता है?

अब बात करते हैं ‘वॉर' बनाम ‘सीजफायर' की. युद्धविराम यानी सीजफायर का मतलब सिर्फ फायरिंग रोकना नहीं है, ये एक भरोसे की डोर है, जो पहले भी कई बार टूटी है. सीज़फायर का मतलब है लड़ाई को रोक देना, एक तय समय या समझौते के तहत. यानी अब कोई फायरिंग नहीं होगी, कोई हमला नहीं होगा. दोनों पक्ष अपनी-अपनी जगह शांति से रहेंगे. सीज़फायर अक्सर तब होता है जब दोनों पक्षों को लगता है कि अब और लड़ाई किसी का भला नहीं कर रही. जान-माल का नुकसान हो रहा है या फिर जनता दबाव बना रही होती है. कभी-कभी सीज़फायर सिर्फ कुछ घंटों के लिए होता है, जैसे इंसानों को बचाने या घायलों की मदद के लिए. और कभी-कभी ये सालों तक चलता है जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 का युद्धविराम. 2003 का युद्धविराम 2021 तक चला, लेकिन फिर कई बार उल्लंघन हुआ. तो क्या इस बार कुछ बदलेगा? लेकिन ध्यान रहे सीज़फायर का मतलब शांति नहीं, बस लड़ाई की रोक है.

90 घंटे का ये संघर्ष खत्म जरूर हुआ है, लेकिन असली इम्तिहान अब शुरू होता है. क्या पाकिस्तान इस शांति को निभा पाएंगे? या फिर ये सन्नाटा फिर किसी धमाके से टूटेगा?

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