
- आगरा धर्मांतरण मामले में अब्दुल रहमान के नेतृत्व में हिंदू लड़कियों को जबरन मुसलमान बनाया गया
- पुलिस ने पाया कि ब्रेनवॉश और सोशल मीडिया के माध्यम से लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता था
- जांच में पता चला कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का इस गिरोह से संबंध है
आगरा के अवैध धर्मांतरण केस में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाने वाले नेटवर्क के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान कई राज खोल रहा है और धर्म परिवर्तन के इस खेल के तार पाकिस्तान से जुड़ने लगे हैं. ब्रेनवॉश से लेकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण में किया गया. साथ ही सिंडिकेट में क्रिप्टो से फंडिंग का भी पता चला. आपको बताते हैं आगरा धर्मांतरण में अभी तक क्या-क्या हुआ है.
धर्मांतरण की एक ऐसी साजिश जिसके तार कई देशों तक जाते हैं और जो भारत के कई राज्यों में भोली भाली लड़कियों को बहला फुसला कर, डरा-धमका कर धर्म परिवर्तन कराता था. धर्मांतरण के इस गिरोह का सरगना है छांगुर जिसके टॉर्चर लोक में फंसी लड़कियां धीरे धीरे अब सामने आ रही हैं और इसके साथ ही खुलते जा रहे हैं छांगुर के राज़. इस मामले में अलग अलग इलाकों में पड़े छापों में 100 करोड़ से ज़्यादा की अवैध संपत्ति सामने आ चुकी है, पच्चीस गिरफ़्तारियां हो चुकी हैं. भारत में प्रतिबंधित संगठन पीएफ़आई और पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI से संबंध सामने आ चुके हैं और ऐसे एक नहीं कई गैंग सामने आ रहे हैं.
मास्टमाइंड अब्दुल रहमान के दो बेटे गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपियों में मास्टमाइंड अब्दुल रहमान के दो बेटे भी शामिल है. मालूम हो कि मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान के यहां से बरामद हुई युवती ने अपने बयान में बताया है कि अब्दुल रहमान ने जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और गलत तरीके से निकाह कराया गया.
धर्मांतरण के लिए हिंदू लड़कियों का होता था ब्रेन वॉश
पुलिस की जांच में पता चला कि धर्मांतरण के लिए हिंदू लड़कियों का ब्रेन वॉश किया जाता था. पाकिस्तान से जितने भी नाम मिले हैं उनका रोल अब तक हिंदू लड़कियों के ब्रेन वॉश करने का ही रहा है. सूत्र बताते हैं कि धर्मांतरण नेटवर्क के मास्टर माइंड अब्दुल रहमान इन सबके संपर्क में था.
क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर ट्रांजैक्शन से फंडिंग
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की कई बालिकाओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया गया. इन पीड़िताओं को ऑपरेशन 'अस्मिता' के तहत रेस्क्यू किया गया. परिवारों को इस बात का अंदेशा भी नहीं था कि उनकी बेटियां धर्मांतरण के जाल में फंस चुकी थीं. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी के तार कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े थे. पाकिस्तान के इन्फ्लुएंसर तनवीर अहमद और शाहिद अदीब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते थे. गिरोह डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर ट्रांजैक्शन से फंडिंग करता था. एक आरोपी ने क्राउडफंडिंग से फिलिस्तीन को धन भेजने का भी खुलासा किया.
कश्मीर की लड़कियां भी रैकेट का हिस्सा!
आगरा धर्मांतरण मामले में जांच से सामने आया है कि कई लड़कियां इतनी ज्यादा कट्टरपंथी (radicalize) हो चुकी हैं कि उन पर काउंसिलिंग का कोई असर नहीं हो रहा. लड़कियों को रेडिक्लाइज करने का काम कश्मीर की लड़कियों के एक ग्रुप को सौंपा गया था. कन्वर्टेड लड़कियों को रिवर्टी कहा जाता था. जूम लिंक भेजकर नमाज और इस्लाम के बारे में पढ़ने की क्लास होती थी. सोशल मीडिया और गेमिंग एप के जरिए लड़कियों को निशाना बनाते थे
धर्मांतरण सिंडिकेट
धर्मांतरण के लिए पूरा एक सिंडिकेट काम करता था, जिसे दिल्ली के अब्दुल रहमान और गोवा की आयशा चला रही थी. अब्दुल ने साल 1990 में अपना धर्म परिवर्तन किया था, ये कलीम सिद्दीकी का सबसे अहम आदमी था. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के जिलों से इस सिंडिकेट ने लड़कियों का ब्रेन वॉश करके धर्मपरिवर्तन कराया. यहां तक कि इस संगठन के तार कश्मीर और पाकिस्तान के साथ भी जुड़े हुए पाए गए.
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