पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी ( Partha Chatterjee) और उनकी करीबी अर्पिता चटर्जी को कथित तौर पर शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया. चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद सियासत तेज हो गई है औरआरोप-प्रत्यारोप का दौर प्रारंभ हो गया है. जहां राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि बंगाल में टीएमसी की सरकार में भ्रष्टाचार और हिंसा का बोलबाला है. पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व प्रमुख और सांसद दिलीप घोष ने एनडीटीवी के साथ चर्चा में कहा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार और हिंसा चरम पर है. 42000 केस हमारे कार्यकर्ताओं पर हैं. हमारा मुंह बंद करने के लिए यह सब किया जा रहा है."
घोष ने कहा, "भ्रष्टाचार के बारे में लोग जानते थे. चाय दुकान पर जाइए, उनके नेताओं के करप्शन के बारे में लोग बात करते हैं. सब खुला हुआ है, लेकिन कुछ हो नहीं रहा था तो लोग कोर्ट में गए और अपील की. फारवर्ड ब्लॉक का एक नेता टीएमसी में गया उसकी बेटी नंबर 1 आ गई. उससे खुलासा हुआ कि जो अच्छे रिजल्ट से पास किए, एसएससी एग्जाम उसको नौकरी नहीं मिली. जब कोर्ट ने छानबीन की तब जाकर खुलासा हुआ. लोग जानते हैं किस तरह बंगाल में भ्रष्टाचार हो रहा है." उन्होंने कहा कि अभी तो यह शुरुआत है. कल तक ये धमकी दे रहे थे कि सीबीआई और ईडी को देख लेंगे. अब टीएमसी कह रही है उस महिला से कोई मतलब नहीं है लेकिन दो दिन पहले ममता बनर्जी ने उसकी तारीफ की है, इसके अलावा पैसा भी बरामद हुआ है. एक और महिला के नाम का खुलासा हो रहा है. यह तो शुरुआती दौर है. यह बहुत बड़ा घोटाला है, यह 1 हजार करोड़ का घोटाला हो सकता है. बीजेपी नेता ने कहा कि पार्थ बाबू के साथ उस महिला का लेना-देना है या नहीं यह बताएं. मामले में एक और महिला का नाम आ रहा है. यह अध्यापिका है, उसके नाम से कई सारे फ्लैट हैं. चार साल में सामान्य एसोसिएट प्रोफेसर के एचओडी हो गई, उनका बांग्लादेश के साथ भी कनेक्शन है.
एक अन्य सवाल पर घोष ने स्वीकार किया कि यह सही है यह पैसा नेता के घर से नहीं मिला लेकिन उन्होंने कहा कि जिस डिपार्टमेंट में घोटाला है, उनको दूसरा डिपार्टमेंट दिया गया जिन्होंने अरेस्ट किया है वह उसका सूत्र निकालेंगे. उन्होंने कहा कि टीएमसी के कई नेता पहले भी इस तरह से जेल गए हैं. टीएमसी ने किसी को पार्टी से नहीं निकाला. एक मंत्री थे, उनको सरकार ने जेल में डाला था लेकिन पार्टी से नहीं निकाला. एसआईटी के ऑफिसर जिनके खिलाफ जांच शुरू हुई थीं, उसके घर ममता बनर्जी पहुंच गईं. पुलिस बुलाकर सीबीआई के 12 अफसर को थाने में लेकर गए वहां सीबीआई को काम करना मुश्किल है. जज भी ठीक से काम नहीं कर पाते हैं. दिलीप घोष ने कहा, "आपके पास पुलिस व प्रशासन है, जब करप्शन की बात आती है तो फिर आप कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं. मेरे नाम पर बंगाल के हर कोर्ट में केस हैं लेकिन पैसा लेने का कोई मामला नहीं है. कोर्ट जाने के बाद ही नारदा और शारदा का जजमेंट आया है. "
उन्होंने कहा कि इस मामले के तार बहुत ऊपर तक, बहुत दूर तक है सर्वोच्च नेतृत्व जुड़ा हुआ है, इसकी गहराई ऊपर तक है इसीलिए ममता बनर्जी को तीन बार कॉल की गई उन्होंने फोन नहीं उठाया. खास बात यह है कि फोन जब नहीं किया गया था जब उनको अरेस्ट किया गया था.पूछताछ के बाद फोन किया गया.
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