मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 230 सदस्यीय विधान सभा के लिए 17 नवंबर को मतदान संपन्न हो गया. इस चुनाव में 2,533 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे. एक ही चरण में हुए मतदान में चुनाव आयोग (Election Commission) के अनुसार 76 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में उम्मीदवारों की संपत्ति में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली. चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में 180 विधायकों ने 2018-2023 तक अपनी संपत्ति में 1 से 1,192 प्रतिशत तक की वृद्धि दिखाई है, जबकि अन्य 12 ने अपनी संपत्ति में -1 से -64 प्रतिशत तक की गिरावट दिखाई है.
मनावर (एसटी) सीट से कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरालाल अलावा की संपत्ति में 1982 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी. जो सूची में शीर्ष पर हैं. जबकि सबलागढ़ से दोबारा कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह की संपत्ति में सबसे ज्यादा -64 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
इन्फोग्राफिक में आप मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरे विधायकों की संपत्ति को देख सकते हैं. विधायकों की संपत्ति की अधिक जानकारी आप इन्फोग्राफिक के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं
कौन सबसे अमीर और कौन सबसे गरीब
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से रतलाम शहर का प्रतिनिधित्व करने वाले चेतन्य कश्यप राज्य के सबसे धनी विधायक हैं. उनकी संपत्ति 2018 में 204 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 296 करोड़ रुपये हो गई, जिसमें 91.4 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. इसके ठीक विपरीत, रायगांव (एससी) से कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा की संपत्ति सबसे कम है. उनकी संपत्ति सबसे कम रही. उनकी संपत्ति 2023 में कुल 33.65 लाख रुपये थी. जबकि 2018 में यह 14 लाख थी. उनकी संपत्ति में 139 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई.
इन्फोग्राफिक में मध्यप्रदेश विधानसभा में मौजूदा विधायकों की संपत्ति से जुड़े डेटा उपलब्ध हैं आप इससे अधिक जानकारी लें सकते हैं
विधायकों की संपत्ति में भारी अंतर
विधायकों के बीच संपत्ति में असमानता भी चौंकाने वाली पाई गई है. हलफनामे के अनुसार शीर्ष 10 सबसे अमीर विधायकों की संयुक्त संपत्ति 1,728.52 करोड़ रुपये है, जो अन्य 182 विधायकों की संयुक्त संपत्ति के लगभग बराबर है. अन्य सभी विधायकों की संपत्ति 1,692 करोड़ रुपये है.
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किस पार्टी के उम्मीदवारों के पास कितनी संपत्ति
दोबारा चुनाव लड़ रहे सभी 192 विधायकों की संपत्ति का योग 3,507.34 करोड़ रुपये है. कुल राशि में, सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की 52.81 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. उसके बाद बीजेपी का नंबर आता है जिसके उम्मीदवारों के पास 46.05 प्रतिशत संपत्ति है. और अन्य के पास 3.58 प्रतिशत संपत्ति है. यह डेटा राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में इन दो प्रमुख दलों के आर्थिक प्रभुत्व को उजागर करता है.
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