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वक्फ विधेयक के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रदर्शन, जानें कौन-कौन नेता ले रहा हिस्सा

बीते दिन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि देश भर में वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन समझ में आता है क्योंकि केवल एक विशेष धर्म को 'निशाना' बनाया जा रहा है.

वक्फ विधेयक के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रदर्शन, जानें कौन-कौन नेता ले रहा हिस्सा
वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रदर्शन कर रहा है. कई धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और सिविल सोसाइटी के नेता भी प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे हैं. वक्फ बिल के विरोध में शामिल होने के लिए लालू यादव और तेजस्वी यादव पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर पहुंचे हैं. प्रदर्शन में शामिल होकर तेजस्वी यादव ने कहा कि भाईचार खत्म किया जा रहा है, लोकतंत्र खत्म हो रहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की थी, जिसमें पहले चरण के तहत क्रमशः 26 और 29 मार्च को पटना और विजयवाड़ा में राज्य विधानसभाओं के सामने बड़े पैमाने पर धरना देने की योजना बनाई गई.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "हमारी पार्टी RJD, हमारे नेता लालू प्रसाद यादव यहां आपका साथ देने, हम सब आपके हाथ मजबूत करने आए हैं. किसी भी कीमत पर, चाहे सत्ता रहे या न रहे, हमने सदन, विधानसभा व विधान परिषद में इस गैर संवैधानिक, अलोकतांत्रिक बिल का विरोध किया है. आज हमने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाकर इस पर चर्चा की मांग की, लेकिन सदन स्थगित कर दिया गया. हम आपको बताना चाहते हैं कि हम इसमें आपके साथ खड़े हैं... हमारी कोशिश है कि यह बिल किसी भी कीमत पर पास न हो..."

वक्फ पर संसद की संयुक्त समिति ने रिपोर्ट पेश की

संसद की संयुक्त समिति ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है. हालांकि, यह अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है, लेकिन अटकलें हैं कि प्रस्तावित कानून को मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद में पारित करने के लिए पेश किया जा सकता है.  विधेयक पर 31 सदस्यीय समिति ने कई बैठकों और सुनवाई के बाद प्रस्तावित कानून में कई संशोधन सुझाए, जबकि विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट से असहमति जताई. लगभग 655 पन्नों की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई.

संयुक्त समिति ने सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों द्वारा सुझाए गए बदलावों वाली रिपोर्ट को 15-11 बहुमत से स्वीकार कर लिया. विपक्ष ने इस कवायद को वक्फ बोर्डों को नष्ट करने का प्रयास करार दिया. पिछले साल आठ अगस्त को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इस विधेयक को संयुक्त समिति को भेज दिया गया था.

संशोधित कानून की प्रमुख बातें

  • मौजूदा संपत्तियों को नियमित करने का प्रावधान
  • 6 महीने के अंदर देनी होगी जानकारी 
  • पोर्टल, डेटाबेस पर मौजूदा संपत्तियों की जानकारी
  • संपत्तियों की सीमा, पहचान, उपयोग और इस्तेमाल की जानकारी
  • बनाने वाले का नाम, पता, तरीके और तारीख की जानकारी
  • देखरेख और प्रबंधन करने वाले की जानकारी
  • संपत्ति से सालाना आमदनी की जानकारी
  • कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी


सब हेडर: वक्फ के अधिकार पर अंकुश 

  • संपत्ति किसकी ये फैसला राज्य वक्फ बोर्ड नहीं कर सकेंगे
  • हर नई वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन, वेरिफिकेशन अनिवार्य 
  • बिना दस्तावेज नहीं बनेगी वक्फ संपत्ति
  • संपत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन जरूरी
  • आवेदन की जांच ज़िला कलेक्टर करेंगे
  • कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद ही रजिस्ट्रेशन
  • जमीन विवादित या सरकारी तो रजिस्ट्रेशन नहीं
  • कोई भी सरकारी जमीन वक्फ संपत्ति नहीं
  • मौजूदा सरकारी संपत्ति वापस होगी


 ज्यादा समावेशी होगा काउंसिल 

  • अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री होंगे चेयरमैन
  • तीन सांसद भी होंगे काउंसिल के सदस्य
  • केंद्रीय काउंसिल में 2 महिला सदस्य अनिवार्य
  • काउंसिल में 2 गैर मुस्लिम सदस्य भी 
  • मैनेजमेंट, वित्त , प्रशासन, इंजीनियरिंग क्षेत्र से सदस्य
  • राज्य वक्फ बोर्डों में अधिकतम 11 सदस्य
  • राज्य वक्फ बोर्ड में 2 महिला, 2 गैर मुस्लिम 
  • बोहरा, आगाखानी समुदाय से भी सदस्य बन सकेंगे
  • शिया, सुन्नी, ओबीसी से कम से कम एक प्रतिनिधि 

वक्फ के फैसलों को कोर्ट में चुनौती संभव 

  • फ़ैसले को ऊंची अदालतों में चुनौती का प्रवधान 
  • 90 दिनों के भीतर हाइकोर्ट में चुनौती 
  • पुराने क़ानून में ट्रिब्यूनल का फ़ैसला ही अंतिम 

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