- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत कड़ी है.
- पुतिन के आगमन से प्रस्थान तक 5 हजार से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में तैनात रहेंगे.
- रूसी एलीट कमांडो के साथ-साथ स्वैट टीम, स्नाइपर, ड्रोन की भी तैनाती की गई है.
Vladimir Putin Security: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंच रहे हैं. पुतिन के भारत दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पुतिन के आगमन से लेकर प्रस्थान तक हर गतिविधि पर संयुक्त रूप से काम कर रहीं कई सुरक्षा इकाइयां नजर बनाए रखेंगी. अधिकारी ने कहा, “मिनट दर मिनट समन्वय जारी है, और सभी संबंधित एजेंसियों को पूरे समय अधिकतम सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. कड़ी निगरानी के लिए 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे.”
दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी मार्ग सुरक्षा, यातायात प्रबंधन और उन क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं, जहां से रूसी राष्ट्रपति गुजर सकते हैं. एक अन्य अधिकारी ने कहा, “वीवीआईपी आवाजाही के लिए सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यात्रियों को असुविधा कम हो, इसके लिए समय-समय पर यातायात परामर्श जारी किया जाएगा. ड्रोन रोधी प्रणाली भी तैनात की जाएंगी.”

स्वैट, स्नाइपर के साथ क्यूआरटी की टीम भी तैनात
दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम ने एक बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया है, जिसके तहत स्वैट टीमें, आतंकवाद रोधी इकाइयां, स्नाइपर और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) संवेदनशील स्थानों पर तैनात हैं. इसके अलावा, उच्च-गुणवत्ता वाले सीसीटीवी नेटवर्क और तकनीकी निगरानी प्रणालियां भी यात्रा से जुड़े सभी क्षेत्रों में सक्रिय कर दी गई हैं.
रूसी एलीट कमांडो के साथ-साथ स्थानीय पुलिस घेरा
व्लादिमीर पुतिन की विदेश यात्राओं के दौरान उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (FSO) के देखरेख में होती है. रूसी एलीट कमांडो पुतिन को चारों ओर से घेरे रहते हैं. पुतिन के सबसे करीब रहने वाले ये एलीट कमांडो के जवान हाईली ट्रेड होते हैं, साथ ही इनके पास अत्याधुनिक हथियार भी होता है. FSO रूस की सबसे गुप्त सुरक्षा एजेंसी है. FSO पुतिन के विदेश दौरे पर परिवहन से लेकर व्यक्तिगत सुरक्षा तक की सुरक्षा सुनिश्चित करती है.
पुतिन के निजी सुरक्षाकर्मी 35 साल से कम, 180 सेमी से अधिक लंबी हाइट वाले
पुतिन के निजी सुरक्षाकर्मी विशिष्ट राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (SBP) से आते हैं, जिनका चयन एक कठोर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है. उम्मीदवारों की आयु 35 वर्ष से कम, 180 सेमी से अधिक लंबी, शारीरिक रूप से स्वस्थ, युद्ध के लिए तैयार और मनोवैज्ञानिक रूप से लचीला होना चाहिए. विदेशी भाषा कौशल, गहन पृष्ठभूमि जाँच और निष्ठा परीक्षण अनिवार्य हैं.

जिस रास्ते से गुजरेंगे पुतिन वहां की सुरक्षा
पुतिन जिस रास्ते से गुजरेंगे, वहां की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद सख्त होती है. पुतिन के काफिले के हर रास्ते की जांच की जा रही है. पुतिन के काफिले की जांच में भी FSO के अधिकारी शामिल होते हैं. भारत दौरे पर पुतिन राजधानी दिल्ली में जिन रास्तों से भी गुजरेंगे, उन सभी रास्तों पर पहले से स्नाइपर तैनात होंगे. स्नाइपर की तैनाती ऐसे की जाती है कि उनकी नजर में रास्ते का चप्पा-चप्पा रहे.
काफिले और आयोजन स्थलों की निगरानी के लिए ड्रोन
पुतिन के काफिले और आयोजन स्थलों पर जवानों की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है. कंट्रोल रूप में ड्रोन से पूरे इलाके को स्कैन किया जा रहा है. चेकपॉइंट्स पर जैमर के साथ-साथ चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. पुतिन जिस होटल में ठहरेंगे वहां भी सुरक्षा की बेहद सख्त व्यव्सथा की गई है.
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