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हार स्वीकार करते हैं... मुकेश सहनी का बड़ा बयान, हार की बताई ये बड़ी वजह

महागठबंधन के डिप्टी सीएम पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने NDTV से बात करते हुए कहा, हम लोगों ने 100% लोगों को समझाने का प्रयास किया है. लेकिन नीतीश कुमार की योजनाओं की वजह से उन्हें बड़ी जीत मिली है. मुझे नहीं लगता हमसे कोई गलती हुई है. हम अपनी हार के कारणों का मंथन करेंगे.

हार स्वीकार करते हैं... मुकेश सहनी का बड़ा बयान, हार की बताई ये बड़ी वजह
हम अपनी हार के कारणों का मंथन करेंगे:  मुकेश सहनी
  • बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में NDA को भारी बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है.
  • महागठबंधन के डिप्टी सीएम उम्मीदवार मुकेश सहनी ने बीजेपी और जेडीयू को जीत की बधाई दी है.
  • मुकेश सहनी ने कहा, नीतीश जी ने महिलाओं के लिए काम किया है. जिसके कारण NDA को जीत मिली है.
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पटना :

बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में NDA को मिली जीत पर महागठबंधन के डिप्टी सीएम पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी का प्रतिक्रिया आई है. मुकेश सहनी ने बीजेपी और जेडीयू को जीत की बधाई देते हुए कहा कि जनादेश का सम्मान करते हैं, आनेवाले समय में मंथन करेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव में दो ही परिणाम होते हैं, हार या जीत, वो जीते हैं, हम हारे हैं. NDA की जीत पर उन्होंने कहा महिला का वोट नीतीश जी को प्राप्त हुआ, ये हमें दिख रहा है. 10 हजार रुपये के लिए उनको वोट दिया गया है. नीतीश जी ने महिलाओं के लिए काम किया है. 

VIP पार्टी  के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने आगे कहा हम लोगों ने 100% लोगों को समझाने का प्रयास किया है. लेकिन नीतीश कुमार की योजनाओं की वजह से उन्हें बड़ी जीत मिली है. मुझे नहीं लगता हमसे कोई गलती हुई है. हम अपनी हार के कारणों का मंथन करेंगे.

बता दें रुझानों में एनडीए को बड़ा बहुमत मिलता दिख रहा है और NDA 202 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि महागठबंध के महज 33 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. लोकसभा चुनाव की तरह इस बार बिहार में जनता महागठबंधन की बात से इत्तेफाक रखती नजर नहीं आई. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पिछले 63 सालों का रिकॉर्ड ब्रेक हुआ और प्रदेश में 67 प्रतिशत मतदाता सरकार चुनने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचे. इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे बड़ा जनमत कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा. लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इसमें से महिलाओं के मतदान का प्रतिशत 71 रहा है जो अपने आप में नया रिकॉर्ड है. जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत इससे लगभग 10 प्रतिशत कम रहा.

महिला फैक्टर आया काम

बिहार में महिलाओं का ज्यादा मतदान प्रतिशत 'बढ़ियां तो हैं नीतीशे कुमार' वाले स्लोगन को साकार करने में अहम भूमिका अदा करती नजर आई. नीतीश कुमार के लगभग दो दशक के कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण पर लगातार जोर दिया गया और इनको लक्ष्य बनाकर कई कल्याणकारी योजनाएं लॉन्च भी की गईं. इस चुनाव की घोषणा से ठीक पहले सितंबर में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत हुई और बिहार भर की महिलाओं को 10,000 रुपये की राशि हस्तांतरित की गई.

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