
Pitru paksha 2025: पितरों को प्रसन्न करने के लिए जो क्रिया की जाती है वह श्राद्ध (Shradh) कहलाती है और इसके लिए व्यक्ति हर साल पितृपक्ष का इंतजार करता है. पितरों को पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध आदि के लिए पितृपक्ष इस साल 07 सितंबर से प्रारंभ होकर 21 सितंबर 2025 तक रहेगा. खास बात ये कि इस बार पितृपक्ष चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) से प्रारंभ होकर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) पर समाप्त होगा. आज पितृपक्ष के पहले दिन यानि 7 सितंबर 2025 को मातृकुल से संंबंधित लोगों का श्राद्ध किया जा सकेगा. जिसके तहत नाना-नानी आदि के लिए श्राद्ध करने की परंपरा है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या चंद्र ग्रहण के दिन किया जाने वाला श्राद्ध फलित होगा. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
चंद्र ग्रहण के दिन क्या पूर्णिमा का श्राद्ध फलित होगा?
श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत (Sanskrit) विश्वविद्यालय के पौरोहित विभाग के प्रोफेसर रामराज उपाध्याय के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले श्राद्ध में चंद्र ग्रहण का सूतक आड़े नहीं आ रहा है क्योंकि चंद्र ग्रहण जहा रात्रि में लगेगा वहीं इसका सूतक काल आज मध्यान्ह काल के बाद लग रहा है. ऐसे में आज भाद्रपद पूर्णिमा का श्राद्ध (Purnima Shradh) करने में किसी भी प्रकार का कोई दोष या परेशानी नहीं है.
क्या सूर्य ग्रहण से प्रभावित होगा श्राद्ध?
सूर्य ग्रहण केवल दक्षिण गोलार्ध में आस्ट्रेलिया के दक्षिण भाग में अटलांटिक और अंटार्टिका क्षेत्र में सूर्योदय काल में दिखाई देगा. युनिर्वसल समय के अनुसार यह खंड ग्रास सूर्य ग्रहण 17:29 बजे से फिजी द्वीप समूह के उत्तर पूर्वी क्षेत्र से अटलांटिक पूर्वी क्षेत्र के सुदूर क्षेत्र में इसका मोक्ष प्राप्त होगा. इस तरह से पूरे पितृपक्ष में न तो चंद्र ग्रहण और न ही सूर्य ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा. जिसे कारण पितृपक्ष में लोग बगैर किसी बाधा के अपने पितरों के लिए श्राद्ध विधि-विधान से कर पाएंगे.
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विदेशों में कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
खग्रास चंद्र ग्रहण भारत के अलावा यूरोप, एशिया, अफ्रीा, उत्तरी अमेरिका के पश्चिम भाग, दक्षिण अमेरिका के पूर्व में, अंटार्टिका, आर्कटिक, पैसेफिक, अटलांटिक, आस्ट्रेलिया, जापान, चीन और रूस आदि देशों में दिखाई देगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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