नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स रविवार को एक बड़े धमाके के बाद ध्वस्त हो गए. इस बड़ी इमारत को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. जिसके कारण इलाके में मलबा और धुएं का गुबार फैल गया. दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा लगभग 100 मीटर का टावर, जो भारत में गिराए जाने वाला सबसे ऊंचा ढांचा था. इस घटना को एक ड्रोन के जरिए भी शूट किया गया. फुटेज में मात्र 9 सेकंड के अंदर ट्विन टावरों को धूल में बदलते देखा जा सकता है.
इमारत गिराए जाने से पहले, आसपास के अपार्टमेंट और सोसाइटियों के हजारों निवासियों को निकाला गया था. ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों ने पहले कहा था कि इसमें लगभग 55,000 टन मलबा जमा होगा. मलबा हटाने में तीन महीने का समय लग सकता है. कचरे को निर्धारित स्थानों पर डंप किया जाएगा.
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— NDTV (@ndtv) August 28, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 को जिला अधिकारियों के साथ मिलीभगत में भवन मानदंडों के उल्लंघन के बाद गिराए जाने का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि कानून के शासन के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अवैध निर्माण से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.
विस्फोट से एक घंटे पहले, रीयलटर्स सुपरटेक ने कहा था कि संरचनाओं का निर्माण नोएडा विकास अधिकारियों द्वारा अनुमोदित भवन योजना के अनुसार किया गया था और कोई विचलन नहीं किया गया था.
सुपरटेक ने एक बयान में कहा कि विध्वंस उसकी अन्य परियोजनाओं को प्रभावित नहीं करेगा, हमने होमबॉयर्स को 70,000 से अधिक इकाइयों की डिलीवरी पूरी कर दी है और हम अपने सभी को आश्वस्त करते हैं कि हम शेड्यूल समय सीमा के अनुसार शेष होमबॉयर्स को डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. होम बायर्स को कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसी भी चल रहे प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा और बाकी सभी प्रोजेक्ट्स जारी रहेंगे.
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