लद्दाख में भेड़ चरा रहे चरवाहों के एक गुट की LAC के पास चीनी सैनिकों (Grazing Sheep Argue With Chinese Soldiers) संग बहस हो गई. दरअसल चीनी सैनिक उन्हें भेड़ चराने से रोकने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद चरवाहों ने बहुत ही बहादुरी से इन सैनिकों का सामना किया. चरवाहों का समूह बहुत ही बहादुरी से चीनी सैनिकों के सामने खड़ा हो गया और दावा किया कि वह अपने क्षेत्र में हैं.
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बता दें कि गलवान में साल 2020 में सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद से स्थानीय चरवाहों ने इस क्षेत्र में जानवरों को चराना बंद कर दिया था.सामने आए वीडियो में चीनी सैनिकों संग बहस कर रहे चरवाहों का दावा है कि वह वे भारतीय क्षेत्र में हैं, उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है.
It is heartening to see the positive impact made by @firefurycorps_IA
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) January 30, 2024
in Border areas of Eastern Ladakh in facilitating the graziers & nomads to assert their rights in traditional grazing grounds along the north bank of Pangong.
I would like to thank #IndianArmy for such strong… pic.twitter.com/yNIBatPRKE
लद्दाख के बहादुर चरवाहे
भारत और चीनी क्षेत्र को अलग करने वाले LAC पर लंबे समय से दोनों सेनाओं के बीच विवाद चल रहा है, कुछ मामलों में हिंसक झड़प भी देखने को मिली हैं. हालांकि इस घटना में हिंसा टल गई. चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने स्थानीय चरवाहों की सराहना की और उनका समर्थन करने के लिए भारतीय सेना की भी तारीफ की. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में पैंगोंग के उत्तरी तट पर चरवाहों, खानाबदोशों में अपने अधिकारों का दावा करने की सुविधा देने में @फायरफ्यूरीकॉर्प्स_आईए द्वारा किए गए पॉजिटिव इंप्रैक्ट देखना खुशी की बात है.'' मैं ऐसे मजबूत नागरिक-सैन्य संबंधों और सीमावर्ती क्षेत्र की आबादी के हितों की देखभाल के लिए भारतीयसेना को धन्यवाद देना चाहता हूं."
एक अन्य पोस्ट में, पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने घटना का इंस्टाग्राम वीडियो का एक लिंक शेयर किया, रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वीडियो को जनवरी की शुरुआत का बताया जा रहा है.
See how our local people are showing their bravery in front of the PLA claiming that the area they are stopping is our nomad's grazing land. PLA stopping our nomads from grazing in our territory. Seems it is never a never-ending process due to different lines of perceptions. But…
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) January 30, 2024
"खानाबदोशों की बहादुरी को सलाम"
उन्होंने लिखा कि देखिए कैसे हमारे स्थानीय लोग चीनी सैनिकों के सामने अपनी बहादुरी दिखा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि जिस क्षेत्र में उनको रोका जा रहा है, वह खानाबदोशों की ही चरागाह भूमि है. चीनी सेना हमारे खानाबदोशों को हमारे ही क्षेत्र में जानवरों को चराने से रोक रही है. ऐसा लगता है कि कई वजहों से यह कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है. लेकिन मैं अपने खनाबदोशों को सलाम करता हूं, जो हमेशा अपनी भूमि की रक्षा के लिए राष्ट्र की दूसरी संरक्षक शक्ति के रूप में खड़े रहते हैं.."'
चीनी सैनिकों के सामने चरवाहों की बहादुरी का VIDEO
बता दें कि सामने आए वीडियो में तीन चीनी बख्तरबंद वाहन और कई सैनिक दिखाई दे रहे हैं. अलार्म बजा रहे वाहन जाहिर तौर पर चरवाहों को वहां से चले जाने का संकेत दे रहे हैं, लेकिन चरवाहे अपनी जिद पर अड़े हैं और चीनी सैनिकों के साथ बहस करते नजर आ रहे हैं. चरवाहों का कहना है कि वे भारतीय क्षेत्र में जानवर चरा रहे हैं. झगड़ा बढ़ते देखकर कुछ चरवाहे पत्थर उठाते दिख रहे हैं, हालांकि वीडियो में हिंसा नहीं दिख रही है. वीडियो में दिख रहे चीनी सैनिक भी हथियारबंद नहीं हैं.
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