
- उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को है, NDA से सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के बी. सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार हैं.
- चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालेंगे और मतदान गुप्त तथा बिना व्हिप के होगा.
- एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 445 है और जीत के लिए 391 वोट जरूरी हैं.
उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव है, जिसे लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन के खेमों में सरगर्मी तेज है. इस चुनाव में जीत किसकी होगी, ये तो तय है, लेकिन जीत का अंतर बड़ा नहीं होने वाला है. इंडिया ब्लॉक उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पूरा जोर लगा रहा है. निर्दलीयों को भी अपने साथ मिलाने की रणनीति बनाई जा रही है. ऐसे में एनडीए की एक-एक वोट पर नजर है. क्रॉस वोटिंग कई बार खेल बिगाड़ देती है, इसे रोकने के लिए भी काम किया जा रहा है. बीआरएस और बीजेडी ने मतदान में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. इससे मतदान में हिस्सा लेने वालों की कुल संख्या 780 पर आ गई है, जबकि 50 फीसदी से ऊपर का आंकड़ा 386 पर आ गया है.
होता है गुप्त मतदान, इसलिए क्रॉस वोटिंग...
उपराष्ट्रपति पद के लिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक वोटिंग होगी और छह बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी. मंगलवार शाम को देश को नया उपराष्ट्रपति भी मिल जाएगा. एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को खड़ा किया है. उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं. इसके लिए व्हिप जारी नहीं होता और गुप्त मतदान होता है.

जीत के लिए 391 का आंकड़ा, NDA के पास कितने वोट?
गुप्त मतदान में सांसद अपनी मर्जी के हिसाब से वोट डालने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन मोटे तौर पर पार्टी लाइन के हिसाब से ही वोट डाले जाते हैं. हालांकि, पहले के चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती आई है और इस बार भी इसकी संभावना है. इस समय राज्यसभा में 239 और लोक सभा में 542 सांसद हैं यानी जीत के लिए 391 का आंकड़ा चाहिए. एनडीए के पास 425 सांसद हैं, जबकि उसे कुछ अन्य दलों के वोट मिलने का भी भरोसा है. हालांकि नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और केसीआर की बीआरएस ने मतदान में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. इससे जीत के लिए आंकड़ा अब 386 होगा.
किस पाले में कौन-सी स्थानीय पार्टी?
- वाईएसआरसीपी ने एनडीए के पक्ष में वोट डालने का ऐलान किया है. उसके राज्यसभा में सात और लोकसभा में चार सांसद हैं. इस तरह एनडीए के पक्ष में 436 सांसद हैं.
- आम आदमी पार्टी की स्वाति मालीवाल भी एनडीए के पक्ष में वोट डाल सकती हैं.
- बीआरएस और बीजेडी मतदान से गैरहाजिर रहेंगी. नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने मतदान में हिस्सा न लेने का फैसला किया है.
- बीआरएस के राज्य सभा में चार और बीजेडी के सात सांसद हैं. बीआरएस खुल कर एनडीए के साथ नहीं आ सकता, क्योंकि अगले कुछ महीनों में जुबली हिल्स विधानसभा का उपचुनाव है और वहां मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है.
- लोकसभा के सात निर्दलीयों में तीन कहां वोट डालेंगे, यह अभी पक्का नहीं है. इसी तरह अकाली दल, जेडपीएम और वीओटीटीपी के एक-एक सांसदों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.

विपक्ष के पक्ष में कितने वोट...?
विपक्ष के पास 324 वोट हैं, ऐसे में जीत का अंतर 100 से 125 के बीच रह सकता है. पिछले चुनाव में 2022 में जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था. इस बार जीत का अंतर इतना बड़ा नहीं रहेगा, क्योंकि विपक्ष पहले की तुलना में मजबूत स्थिति में है. एनडीए सूत्रों का दावा है कि राज्य सभा में 150 वोट विपक्ष के उम्मीदवार के खिलाफ रहेंगे और उन्हें 90 से कम वोट मिलेंगे. इसी तरह लोकसभा में भी कुछ ऐसे सांसदों पर एनडीए की नजरें हैं, जो पार्टी लाइन से हट कर उनके साथ आ सकें. एनडीए और इंडिया ब्लॉक अपने-अपने सांसदों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं, ताकि वोट रद्द न हों.
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