
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह पर पलटवार किया है और उनके आरोपों का जवाब दिया है. केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, जो व्यक्ति गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों वाले व्यक्ति को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें मंत्री , उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता हो , ऐसे व्यक्ति को कितने साल की सजा होनी चाहिए?
जेल से सरकार चलाने का किया जिक्र
केजरीवाल ने पूछा कि, क्या भ्रष्टाचारी लोगों को पार्टी में शामिल कराने वाले प्रधानमंत्री और मंत्री को इस्तीफा नहीं देना चाहिए साथ ही पूछा कि, झूठ केस लगाने के बाद दोषमुक्त होने पर केस लगाने वाले मंत्री पर कितनी सजा होनी चाहिए.
एक अन्य पोस्ट ने केजरीवाल ने कहा, राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाकर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलाई. पिछले सात महीनों में दिल्ली की बीजेपी सरकार ने दिल्ली का ऐसा हाल कर दिया है कि आज दिल्ली वाले उस जेल वाली सरकार को याद कर रहे हैं.
अमित शाह ने उठाए थे सवाल
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने केजरीवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि 'अगर कोई पांच साल से ज्यादा सजा वाले केस में जेल जाता है और उसे 30 दिन में बेल नहीं मिलती, तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा, कोई छिटपुट आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना पड़ेगा. मगर जिन पर करप्शन के आरोप हैं या पांच साल से ज्यादा सजा के आरोप हैं, ऐसे मंत्री, CM या PM जेल में बैठकर सरकार चलाएं ये कितना उचित है?'
संसद में पेश किया गया बिल
गौरतलब है कि अमित शाह ने मानसून सत्र में संविधान का 130वा संशोधन पेश किया. इस संशोधन में प्रावधान है कि, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, भारत सरकार के मंत्री या राज्य सरकार के मंत्री किसी भी गंभीर आरोप में गिरफ्तार होते हैं और 30 दिन तक उन्हें जमानत नहीं मिलती है, तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो अपने आप 31वें दिन कानूनन पद से हट जाएंगे.' फिलहाल ये बिल जेपीसी को भेजा गया है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है.
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