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अभी भी दो दिन और जम्मू-कश्मीर पर हैं भारी, वैष्णो देवी यात्रा 8 दिन से ठप, सैकड़ों सड़कें बह गईं

सांबा जिले का एक छोटा गांव भी गंभीर संकट में है. जमीन धंसने से कई घर दरक गए हैं और रहने लायक नहीं बचे. यहां से आठ परिवारों को निकालकर राहत शिविरों में रखा गया है. आपदा प्रबंधन दल अलर्ट पर है.

अभी भी दो दिन और जम्मू-कश्मीर पर हैं भारी, वैष्णो देवी यात्रा 8 दिन से ठप, सैकड़ों सड़कें बह गईं
  • जम्मू-कश्मीर में लगातार भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं और अगले दो दिनों तक खतरे की चेतावनी जारी है.
  • 15 सितम्बर तक अधिकांश रेल सेवाओं को बंद करने और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्णय लिया.
  • राजौरी और सांबा जिलों में जमीन धंसने से कई घर क्षतिग्रस्त हुए.
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जम्मू-कश्मीर:

जम्मू-कश्मीर की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. सोमवार को भी भारी बारिश से नदी–नाले उफान पर रहे और मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक और खतरे की चेतावनी जारी की है. प्रशासन ने ज़्यादातर रेल सेवाओं को 15 सितम्बर तक बंद रखने की आधिकारिक घोषणा की है. वहीं, वैष्णो देवी यात्रा लगातार 8वें दिन भी स्थगित रही, क्योंकि प्रदेश की अधिकांश सड़कें बारिश और भूस्खलन से बह चुकी हैं.

भूस्खलन और जमीन धंसने से खतरा

लगातार बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कहीं भूस्खलन तो कहीं नदियों के उफान ने हालात बिगाड़ दिए हैं. राजौरी और सांबा जिलों में जमीन धंसने की घटनाएं सामने आईं. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 19 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, जिनमें राजौरी के 11 और सांबा के 8 घर शामिल हैं. इन इलाकों को 'जोखिम क्षेत्र' घोषित कर दिया गया है.

सांबा जिले का एक छोटा गांव भी गंभीर संकट में है. जमीन धंसने से कई घर दरक गए हैं और रहने लायक नहीं बचे. यहां से आठ परिवारों को निकालकर राहत शिविरों में रखा गया है. आपदा प्रबंधन दल अलर्ट पर है.

वैष्णो देवी यात्रा पर संकट

अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र में भीषण हादसे के बाद यात्रा लगातार बंद है. आधार शिविर कटरा में लगभग 700 श्रद्धालु रुके हुए हैं और यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. कई श्रद्धालु पूरे दिन दर्शनी ड्योढ़ी पर डटे रहते हैं ताकि मार्ग खुलते ही भवन की ओर बढ़ सकें.

मंगलवार को भूस्खलन के कारण मार्ग पर मलबा गिरने से करीब 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 22 घायल हुए थे. घायलों का इलाज नारायणा अस्पताल में जारी है. मार्ग से मलबा, पत्थर और चट्टानें हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, जिसे पूरा होने में अभी दो दिन और लग सकते हैं.

2500 सड़कें प्रभावित, 200 करोड़ का नुकसान

प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से लोक निर्माण विभाग (PWD) को भी भारी नुकसान हुआ है. करीब 2500 सड़कें प्रभावित हुईं, जिनमें से 60% को बहाल किया जा चुका है. लेकिन 1000 सड़कें अब भी बंद हैं. ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में. विभाग ने प्रारंभिक आकलन में 200 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है.

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