उत्तराखंड (Uttarakhand) में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के नेता हरक सिंह रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क की पाखरो प्रकरण में पेड़ों के अवैध कटाई और अवैध निर्माण को लेकर इस मामले में सीबीआई की जांच चल रही है तो वहीं हरक सिंह रावत को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले में समन भेजा था. जिसके चलते हरक सिंह रावत देहरादून स्थित प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिस पहुंचे. हरक सिंह रावत से लंबी पूछताछ हुई.
दरअसल साल 2019-2020 में जिम कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क में टाइगर सफारी बनाने के मामले में कई तरह की अनियमिताएं सामने आई थी. जिसके बाद लगातार इस मामले में कई शिकायतें भी मिली और इसको लेकर विजिलेंस में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हुई. लेकिन बाद में इस जांच को सीबीआई को दे दिया गया. सीबीआई भी इस मामले में लगातार हरक सिंह रावत और वन विभाग के कई अधिकारियों से पूछताछ कर रही है. अब ऐसे में इस मामले में ईडी भी पाखरो रेंज के मामले में जांच कर रही है.
क्या है पूरा मामला?
कॉर्बेट नेशनल पार्क में पाखरो रेंज मैं टाइगर सफारी के लिए 106 हेक्टर वन भूमि पर काम शुरू किया गया इस जगह पर पेड़ कटान के लिए करीब 163 पेड़ों की अनुमति ली गई. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यहां 6000 के करीब पेड़ काट दिए गए इसके अलावा मामला सामने आने के बाद NTCA यानि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने स्थलीय निरीक्षण किया. इसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई इसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार और NGT के साथ उत्तराखंड वन विभाग ने जान शुरू की. तो दूसरी तरफ नैनीताल हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसका स्वत संज्ञान लिया. इस पूरे मामले में तत्कालीन मुख्य वन्य जीव वार्डन जेएस सुहाग को सस्पेंड किया गया कालागढ़ के डीएफओ किशन चंद सस्पेंड हुए और उनकी गिरफ्तारी भी हुई. रेंजर ब्रज बिहारी शर्मा भी सस्पेंड किए गए और उनकी भी इस मामले में गिरफ्तारी हुई.
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