उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को राज्य के चमोली जिले के धंसते कस्बे जोशीमठ का दौरा करने पहुंचे. जहां प्रभावित परिवारों से मुलाकात के दौरान सीएम भावुक हो गए. सीएम धामी ने बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक हर उम्र के लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को जाना. उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश सभी को सुरक्षित बचाने की है. जरूरी इंतजाम के लिए तैयारियां की जा रही हैं. हमारा पहला काम लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाना है."सीएम धामी ने यह भी कहा, "हम इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या लोगों को यहां से पलायन करने और पुनर्वास करने की जरूरत है. हम इसके लिए एक स्थान भी ढूंढ रहे हैं. अभी सर्दियों का मौसम है. फिलहाल उन मुद्दों पर गौर किया जा रहा है, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है."
मुख्यमंत्री ने बताया कि आईआईटी रुड़की जैसे प्रमुख संस्थान और अन्य संस्थान इसके कारणों का पता लगाने के लिए इसरो के साथ बातचीत कर रहे हैं. "भूवैज्ञानिक काम कर रहे हैं. गुवाहाटी संस्थान के अलावा, आईआईटी रुड़की भी इसरो के साथ बातचीत कर रहा है. हर कोई कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है."जोशीमठ कस्बे में घरों, सड़कों और खेतों में भारी दरारें देखी गई हैं और कई घर अब तक धराशायी हो गए हैं. जोशीमठ में भूस्खलन के कारण भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क पर कई स्थानों पर दरारें पाई गई हैं. बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा भी भूस्खलन की चपेट में है.
जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी के रिसाव के कारण घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जमीन धंसने की घटना और जोशीमठ शहर पर इसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन किया. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक सभी निर्माण कार्य रोक दिया गया है. चमोली जिला प्रशासन के शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार कुल 561 प्रतिष्ठानों में से रविग्राम वार्ड में 153, गांधीनगर वार्ड में 127, मारवाड़ी वार्ड में 28, लोअर बाजार वार्ड में 24, सिंहधर वार्ड में 52, मनोहर में 71 प्रतिष्ठान हैं. बाग वार्ड, अपर बाजार वार्ड में 29, सुनील वार्ड में 27 और परसारी में 50 में दरारें आने की सूचना है.
इस कारण आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत होटल व्यू और मलारी इन के संचालन को अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दिया गया है. गुरुवार को नौ परिवार विस्थापित हुए, जिनमें चार परिवार जोशीमठ नगर निगम, एक गुरुद्वारा जोशीमठ, एक टूरिस्ट हॉस्टल मनोहर बाग व अन्य शामिल हैं. जोशीमठ के स्थानीय लोगों ने जमीन धंसने के मामले को सरकार और प्रशासन से गंभीरता से लेने के विरोध में गुरुवार की सुबह बदरीनाथ हाईवे जाम कर दिया था. अब तक कुल 38 परिवार विस्थापित हो चुके हैं. इस बीच, जोशीमठ में लगातार भूमि धंसने के साथ, राज्य सरकार ने स्थिति का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को क्षेत्र में भेजा है. चमोली के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ललित नारायण मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ की टीमों को भी इलाके में तैनात किया गया है.
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