
खटीमा के नगरा तराई क्षेत्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अपने खेत में धान की रोपाई कर किसानों के परिश्रम, त्याग और समर्पण को नमन किया. उन्होंने कहा कि खेतों में उतरकर पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और परंपराओं के संवाहक भी हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत “हुड़किया बौल” के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, जल के देवता इंद्र और छाया के देवता मेघ की वंदना भी की.
मुख्यमंत्री के इस सांस्कृतिक जुड़ाव और कृषकों के साथ आत्मीय सहभाग ने क्षेत्रीय जनता को गहरे स्तर पर प्रेरित किया. मुख्यमंत्री धामी की यह पहल उत्तराखंड की ग्रामीण संस्कृति, कृषकों की अहमियत और पारंपरिक लोककलाओं के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है.
बता दें धामी ने अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को गंगा तट पर हर की पौड़ी पर पूजा-अर्चना की थी. तथा राज्य की समृद्धि के लिए प्रार्थना की थी. हरिद्वार के पूर्व सांसद रमेश पोखरियाल ‘निशंक', राज्यसभा सदस्य कल्पना सैनी और विधायक मदन कौशिक और आदेश चौहान उनके साथ थे, जब धामी ने आचार्य अमित शास्त्री की देखरेख में अनुष्ठान किया.
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