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धराली का भूगोल बदला, जगह-जगह कटे रास्ते... बादल फटने के बाद क्या है हालात? जानिए Top Updates

Uttarakhand Cloudburst Updates : उत्तराखंड के धराली में बादल फटने की घटना के बाद से रेस्क्यू ऑपेरशन जारी है. लेकिन बारिश और जगह-जगह हुई लैंडस्लाइड की घटनाओं से इस ऑपरेशन में दिक्कतें भी आ रही हैं. धराली हादसे से जुड़ी सभी बड़े अपडेट्स जानिए यहां.

धराली का भूगोल बदला, जगह-जगह कटे रास्ते... बादल फटने के बाद क्या है हालात? जानिए Top Updates
धराली में बादल फटने की घटना के बाद अभ क्या है हालात?
  • उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, जिससे इलाके का भूगोल पूरी तरह बदल गया है.
  • प्राकृतिक आपदा के बाद ITBP की पांच टीमों में से तीन राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय हैं.
  • रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब एक सौ दस लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिसमें स्थानीय और पर्यटक दोनों शामिल हैं.
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Uttarakhand Dharali Landslide Updates: उत्तराखंड के धराली में बादल फटने की घटना ने ऐसी तबाही मचाई है कि इलाके का भूगोल ही बदल चुका है. इस घटना से पहले जहां होटल, घर, दुकानें थी, जन-जीवन था, वहां अब चारों तरह दूर-दूर तक केवल मलबा नजर आ रहा है. इन मलबे के भीतर कई जिंदगियां, कई कहानियां भी दफन हैं. इस हादसे के बाद वहां के हालात को जानने-समझने के लिए NDTV के 5 रिपोर्टर उत्तराखंड पहुंच चुके हैं. जो वहां के स्थानीय लोगों के दर्द के साथ-साथ, विशेषज्ञों से भी बात कर रहे हैं.

जगह-जगह कटे रास्तों के कारण धराली तक पहुंचना मुश्किल

हमारे रिपोर्टर रेस्क्यू में लगे NDRF, SDRF, सेना के जवानों से भी इस दुरुह काम में पेश आ रही समस्याएं समझ रहे हैं. हालांकि हमारे रिपोर्टर अभी तक धराली नहीं पहुंच सके हैं. क्योंकि वहां तक पहुंचने का रास्ता जगह-जगह से कट चुका है. जगह-जगह गाड़ियों की कतार सड़क बनने के इंतजार में खड़े हैं. जिसमें सेना, मेडिकल, पुलिस, एनडीआरएफ के साथ-साथ मीडिया के साथी फंसे हैं.

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इस हादसे में अभी तक 4 लोगों की मौत हो गई है. जबकि स्थानीय के साथ-साथ देश के अलग-अलग राज्यों से पहुंचे सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं. इस हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी सभी टॉप अपडेट्स जानिए यहां.

ITBP की 5 टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है

उत्तराखंड के धराली में प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के डीआईजी (Ope) बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि ITBP की 5 टीम को मौके पर भेजा गया था, जिनमें से फिलहाल तीन टीम रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा हैं. हर्षिल, गंगोत्री एरिया में टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हैं.

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110 लोगों को बचाया गया, एयर रेस्क्यू भी चल रहा

डीआईजी बरिंदरजीत सिंह ने कहा कि रात में ही अभियान के दौरान करीब 110 लोगों को बचाया गया, जिनमें पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग शामिल हैं. इनमें से कुछ को गंगोत्री धाम की ओर भेजा गया, जबकि घायल लोगों को प्राथमिक उपचार देने के बाद आईटीबीपी की पोस्ट पर लाया गया. बुधवार सुबह दिन खुलते ही फिर से युद्धस्तर पर अभियान को शुरू किया गया.

हर्षिल में एयर रेस्क्यू भी शुरू हो चुका है. तकरीबन पांच घायलों को बचाकर लाया गया है. दूसरी तरफ फंसे लोगों को बचाने के लिए अस्थायी पुल बनाए जा रहे हैं. कुछ बॉर्डर एरिया से लाई गईं बीआरओ की मशीनें यहां लगाई गई हैं. कुछ लोग पहाड़ी पर बचने के लिए चले गए थे, उनको भी रेस्क्यू किया जा रहा है. डीआईजी ने बताया कि करीब 7 लोग लापता हैं. 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें एक व्यक्ति का शव बुधवार सुबह बरामद हुआ. 

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बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही दिक्कत

डीआईजी बरिंदरजीत सिंह ने कहा कि ऑपरेशन में बारिश बड़ी चुनौती बन रही है. मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण रेस्क्यू टीम को मुश्किल हो रही है. मौसम अनुकूल रहेगा तो ऑपरेशन में तेजी आएगी. हालांकि, आगे भी बारिश होने का अनुमान है, इससे एयर रेस्क्यू पर ब्रेक लग सकता है.

बॉर्डर इलाकों की स्थिति पर बात करते हुए डीआईजी ने स्पष्ट किया कि भारत-चीन सीमा पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है. आपदा का प्रभाव मुख्य रूप से घाटी क्षेत्र में देखा गया है, जहां कुछ स्थानों पर सड़कों पर भूस्खलन और अवरोध की स्थिति बनी हुई है.

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चंडीगढ़, आगरा में चिनूक, एमआई 17 तैनात

इधर, राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 02 चिनूक और 02 एमआई – 17 हेलीकॉप्टर, बुधवार तड़के ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दिए. सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है.

बचाव अभियान में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान भी लगे हुए हैं. इधर, बीआरओ के 06 अधिकारी, 100 से अधिक मजदूरों के साथ बाधित सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं.

दून और ऋषिकेश एम्स में बेड आरक्षित

स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं, साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों का भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया है. विशेष रूप से मनोचिकित्सक भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजे गए हैं.

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झाला – हर्षिल में राहत शिविर शुरू

इस बीच मौके पर सेना, आईटीबीपी के साथ ही एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं. प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए हैं. इसके साथ ही क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल किए जाने के प्रयास भी युद़धस्तर पर किए जा रहे हैं.

एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में भी जुट गई है. राज्य सरकार मंगलवार शाम को ही तीन आईएएस अधिकारियों के साथ ही दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस को राहत एवं बचाव अभियान में समन्वय के लिए उत्तरकाशी रवाना कर चुकी है.

आपदाग्रस्त क्षेत्र पहुंचे सीएम, पीड़ितों से मुलाकात की

आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद़धस्तर पर जुटी हुई हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है. सीएम ने बचाव और राहत अभियान में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं.

प्रधानमंत्री ने सीएम से फोन पर बात कर लिया अपडेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार प्रात: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली. मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है.

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