सपा विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते शिवपाल? विधानसभा अध्‍यक्ष से किया जगह बदलने का आग्रह

शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सीट बदलने का अनुरोध किया है. सूत्रों ने कहा कि इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि वह उनके (समाजवादी पार्टी के विधायकों) के साथ नहीं बैठना चाहते.

सपा विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते शिवपाल? विधानसभा अध्‍यक्ष से किया जगह बदलने का आग्रह

अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच दूरी बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही है. (फाइल)

 लखनऊ:

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष (Uttar Pradesh Assembly Speaker) से सदन में उनके बैठने के लिए निर्धारित सीट (स्थान) को बदलने का आग्रह किया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ‘‘शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सीट बदलने का अनुरोध किया है.''

सीट के बदलने की मांग के कारणों के बारे में विस्तार से पूछे जाने पर, सूत्रों ने कहा, 'इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि वह उनके (समाजवादी पार्टी के विधायकों) के साथ नहीं बैठना चाहते.' शिवपाल यादव (67) वर्तमान में इटावा जिले के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. 

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शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव से अनबन के बाद अपनी अलग पार्टी बना ली थी,  लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों में समझौता हो गया था. 

पूर्व में अपने भतीजे से मनमुटाव के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपीएल) बनाने वाले शिवपाल ने हाल ही में सपा के चुनाव चिह्न ‘साइकिल' पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. 

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यादव ने 21 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘भाजपा से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा.'

शिवपाल ने इस टिप्पणी को “गैर-जिम्मेदाराना” करार देते हुए कहा था, “अगर अखिलेश ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए.'' शिवपाल ने कुछ माह पहले भाजपा के साथ बढ़ती दोस्ती के तब संकेत दिए थे, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया था. 

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शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था.  शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. 

शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली थी और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी. 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद 'चाचा-भतीजा' के बीच बढ़ती दूरी के बीच अखिलेश, शिवपाल पर टिप्पणी करने से बचते आए हैं.  हाल ही में जब कन्नौज में मीडियाकर्मियों ने अखिलेश से शिवपाल के बारे में सवाल किया तो उन्होंने पत्रकारों को ऐसे मुद्दों पर समय बर्बाद नहीं करने की सलाह दी थी. 

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