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This Article is From Nov 12, 2020

गैरकानूनी शराब बनाने वाले गांव को पुलिस कप्तान ने द‍िखाई सही राह, मधुमक्खी के वैक्स से बना रहे दीये

उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के जिस गांव में 30 साल से महिलाएं गैर कानूनी शराब बना रहीं थीं, अब मधुमक्की के वैक्स से दीये बना रही हैं.

गैरकानूनी शराब बनाने वाले गांव को पुलिस कप्तान ने द‍िखाई सही राह, मधुमक्खी के वैक्स से बना रहे दीये
उत्तर प्रदेश : बाराबंकी में मधुमक्की के वैक्स से बना रही हैं दीये
बाराबंकी:

उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के जिस गांव में 30 साल से महिलाएं गैर कानूनी शराब बना रहीं थीं, अब मधुमक्की के वैक्स से दीये बना रही हैं. यहां के 84 घरों में महिलाएं जहरीली शराब की वजह से विधवा हैं, और दर्जनों मर्दों पर गैर कानूनी शराब बेचने के मुकदमे, लेकिन अब इन्होंने शराब के धंधे से तौबा कर ली है क्योंकि इनके पुलिस कप्तान ने इन्हें मधुमक्खी पालने से जोड़ दिया है. इस काम में शराब से ज्यादा आमदनी हो रही है. इसके अलावा इन महिलाओं को बुटीक और सैलून चलाने की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.

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पिछले 30 सालों से इस गांव में सिर्फ गैर कानूनी शराब बनाने का काम होता था. दीया बनाने वालों में वो 32 विधवाएं भी शामिल हैं जिनके पति घटिया या जहरीली शराब पीकर मर गए. सुंदरा के पति की भी जान शराब ने ले ली. अब वो इस काम से इतनी खुश हैं कि सबको इसे बनाने की तरकीब बताती हैं.

इस गांव में आए दिन पुलिस की रेड होती, गांव के मर्द पकड़े जाते और जेल चले जाते. जमानत पर छूट कर फिर वही काम करते. पुलिस मर्दों को पकड़ती तो उनकी औरतों से उसका झगड़ा होता. एक रोज एक विधवा औरत ने एसपी से कहा कि उनके पास कोई काम नहीं इसलिए शराब बनाते हैं.

उसके बाद एसपी ने गांव में गांववालों के साथ कई पंचायतें कीं. उनका भरोसा हासिल किया और उन्हें एक्सपर्ट से मधुमक्खी पालने की ट्रेनिंग दिलवाई. इस कारोबार के लिए बैंक से कर्ज दिलवाया. मधुमक्खी के वैक्स से दीवाली के दीये बनवाए ओर खुद बिकवाए. और उन्हें ये समझाने में कामयाब रहे कि इस काम में इज्जत है और शराब के धंधे से ज्यादा मुनाफा.

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एक रोज इनके गांव में शहर के लोग बुलाए गए, ये ऐलान करने के लिए कि अब मौत का कारोबार करने वाले बिल्कुल बदल गए हैं.यही नहीं, पुलिस कप्तान इनके बांव में एक्पर्ट के जरिए अब रोजगार मेला लगवाने वाले हैं. गांव की लड़कियों को बुटीक और सैलून चलाने, लड़कों को मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग शुरू होने वाली है ताकि मधुमक्खी पालन के अलावा ये और भी काम कर सकें.

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