सुप्रसिद्ध तबलावादक उस्ताद जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) की हालत गंभीर बनी हुई है. उनके परिवार के एक सदस्य ने एक्स पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है और लोगों से उनके लिए प्रार्थना करने के लिए कहा है. हालांकि इससे पहले कई केंद्रीय मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनके निधन की सूचना दी थी.
उस्ताद जाकिर हुसैन के परिवार के सदस्य अमीर ओलिया ने कहा कि अमीर ओलिया ने कहा कि उनका निधन नहीं हुआ है. हम उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं. उनकी हालत गंभीर है और हम दुनिया भर में उनके सभी प्रशंसकों से उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने की अपील करते हैं.
I am Zakir Hussain nephew and he has not passed away. We ask for prayers for my Uncle's health. Can you please remove this misinformation. He is in a serious condition and we ask for all his fans around the world to pray for his health
— Ameer Aulia (@AmeerAulia) December 15, 2024
अमेरिका के अस्पताल में हैं भर्ती
अपने तबले की थाप से एक पूरे युग को प्रभावित करने वाले जाकिर हुसैन पिछले कुछ वक्त से बीमार हैं. उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं के बाद अमेरिका के शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. हुसैन की प्रबंधक निर्मला बचानी ने बताया कि अमेरिका में रह रहे 73 वर्षीय संगीतकार रक्तचाप की समस्या से ग्रस्त हैं.
बचानी ने कहा, ‘‘हुसैन हृदय संबंधी समस्या के कारण पिछले दो सप्ताह से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती हैं."
हुसैन के नाम कई पुरस्कार
महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे जाकिर हुसैन ने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए भारत और दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई है. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे.
एक्टिंग में भी आजमा चुके हैं हाथ
हुसैन ने अपने तबले के साथ एक्टिंग में भी हाथ आजमाया. उन्होंने 12 फिल्मों में अभिनय किया. साल 1983 में ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट से उन्होंने फिल्मों में डेब्यू किया. फिल्म में शशि कपूर जैसे नामचीन अभिनेता उनके साथ थे.
उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ. उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा भी पेशे से तबलावादक थे. उन्होंने मुंबई के माहिम में स्थित सेंट माइकल स्कूल से पढ़ाई की और फिर मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की. महज 11 साल की उम्र में पहली बार उन्होंने ऑडियंस के सामने अपनी पहली प्रस्तुति दी.
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