लखनऊ:
नये राज में अपराध मुसीबत बना हुआ है लेकिन पिछली सरकार का भ्रष्टाचार ऐसा है जिसमें रोज़ नए तथ्य सामने आ रहे हैं।
मायावती के महल के लिए 15−15 लाख की खिड़कियों की बात अब पुरानी हो चुकी है। नया घोटाला खजूर के पेड़ों की खरीद से जुड़ा है। जानकारी मिली है कि खजूर के पेड़ खरीदने के लिए लाखों का घोटाला किया गया है। सरकारी कागजात बता रहे हैं कि 18 हज़ार का एक पेड़ खरीदा गया है जो हजारों की तादाद में मायाराज के स्मारकों के लिए खरीदे गये थे।
राज्य के मौसम का ख्याल रखे बिना उन्हें लगाया गया, सूख गये तो दफनाया गया। सूत्रों के हवाले यह भी कहा जा रहा है कि पार्क के लिए 50 करोड़ के मिट्टी के ठेके में दिये गये। बिजली के एक खम्बे की कीमत एक से ढाई लाख तक दी गई। संगीतमय फव्वारे के लिए 10 करोड़ के स्पीकर के खरीद की बात भी कही जा रही है।
मायावती के महल के लिए 15−15 लाख की खिड़कियों की बात अब पुरानी हो चुकी है। नया घोटाला खजूर के पेड़ों की खरीद से जुड़ा है। जानकारी मिली है कि खजूर के पेड़ खरीदने के लिए लाखों का घोटाला किया गया है। सरकारी कागजात बता रहे हैं कि 18 हज़ार का एक पेड़ खरीदा गया है जो हजारों की तादाद में मायाराज के स्मारकों के लिए खरीदे गये थे।
राज्य के मौसम का ख्याल रखे बिना उन्हें लगाया गया, सूख गये तो दफनाया गया। सूत्रों के हवाले यह भी कहा जा रहा है कि पार्क के लिए 50 करोड़ के मिट्टी के ठेके में दिये गये। बिजली के एक खम्बे की कीमत एक से ढाई लाख तक दी गई। संगीतमय फव्वारे के लिए 10 करोड़ के स्पीकर के खरीद की बात भी कही जा रही है।
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